Thursday, November 21, 2024
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गुजरात चुनाव में दागी उम्मीदवारों की बढ़ी पैतरेबाजी, 89 सीट पर खड़े हैं 21 फीसदी आपराधिक छवि के नेता

गुजरात में 89 सीट पर करीब 21 फीसदी दागी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. निर्वाचन आयोग के पास 788 उम्मीदवारों के अपना नामांकन के समय दिए गए शपथपत्र से ये तथ्य सामने आए हैं. इस बार कुल 167 उम्मीदवारों ने शपथपत्र में अपने आपराधिक छवि होने के संबंध में जानकारी दी है. इन उम्मीदवारों में सबसे अधिक उम्मीदवार आम आदमी पार्टी से हैं. इनमें करीब 13 फीसद उम्मीदवार गंभीर अपराध की श्रेणी वाले अपराधों में शामिल रहे हैं.

एसोसिएशन फार डेमोक्रटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक बीते चुनाव में इस श्रेणी में कुल आठ फीसद उम्मीदवार ही गंभीर अपराध की श्रेणी वाले थे. इन पर पांच साल से अधिक सजा, गैर जमानती अपराध, हत्या का प्रसास, चुनाव संबंधित अपराध, सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाना समेत अन्य अपराधों के तहत मामले दर्ज है.

दिल्ली और पंजाब के बाद इस बार आम आदमी पार्टी गुजरात में भी भाग्य आजमा रही है. दस्तावेजों के मुताबिक आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों के मामले में आप पार्टी सबसे आगे हैं. ‘आप’ के 88 में से 32 (36 फीसद), कांग्रेस के 89 में से 31 (35 फीसद), बीजेपी के 89 में से 14 (16 फीसद) और भारतीय ट्रायबल पार्टी 14 में से चार ( 29 फीसद) आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों के साथ चुनाव मैदान में है. इनमें ‘आप’ में गंभीर अपराध के 26, कांग्रेस में 18, बीजेपी में 11 उम्मीदवार शामिल हैं.

मामले ही नहीं बल्कि धन के मामले में इस बार मैदान में उतरे प्रत्याशी मालामाल है. कुल प्रत्याशियों में 73 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके पास पांच करोड़ से अधिक की संपत्ति है. 788 में से 211 ( 27 फीसद) उम्मीदवार करोड़पति है. इनमें सबसे अधिक बीजेपी से 79, कांग्रेस से 65 और ‘आप’ से 38 उम्मीदवार शामिल हैं. इस बार 77 के पास दो से पांच करोड़, 125 के पास 50 लाख से दो करोड़, 170 के पास दस से पचास लाख और 343 के पास दस लाख से कम की संपत्ति है. यह आंकड़ा 2017 में 21 फीसद था. उस समय पहले चरण में 923 में से 198 उम्मीदवार करोड़पति थे.

शपथ पत्रों का अध्ययन यह भी बताता है कि इस बार सबसे अधिक उम्मीदवार केवल पांचवी कक्षा से 12वीं तक पढ़े हैं. इन में 492 उम्मीदवार शामिल है. जबकि 185 की योग्यता स्रातक व अधिक, 21 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक, 58 उम्मीदवार साक्षर हैं. हालांकि इस बार चुनाव में महिला उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व बढ़ा है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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