Home ताज़ातरीन ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी की मज़ार के क़रीब धमाका, 103 की मौत, 141 लोग घायल 

ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी की मज़ार के क़रीब धमाका, 103 की मौत, 141 लोग घायल 

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ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी की मज़ार के क़रीब धमाका, 103 की मौत, 141 लोग घायल 

तेहरान: ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के जनरल रहे क़ासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी पर आयोजित समारोह में सिलसिलेवार कई धमाके हुए हैं.

ईरान सरकार के टीवी चैनल आईआरआईबी ने कहा है कि 103 लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही 141 से अधिक लोगों के घायल होने की भी ख़बरें हैं. हालांकि शुरुआत में 20 लोगों के मरने की ख़बर सामने आई थी लेकिन बाद में ईरान के सरकारी मीडिया ने मरने वालों की संख्या 50 बताई. अब बताया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ कर 73 तक पहुंच गई है.

बता दें कि ये धमाके केरमान शहर की साहेब अल-ज़मान मस्जिद के करीब हुए हैं. इससे पहले समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ईरानी अधिकारियों के हवाले से लिखा था कि “आतंकवादी हमले के तहत हुए दो धमाकों में कम से कम 20 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों घायल हुए हैं.”

ये धमाके केरमान प्रांत में हुए हैं. धमाकों के बाद पूरे शहर में सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा गया है. इससे पहले सरकारी न्यूज़ एजेंसी नूर न्यूज़ ने कहा था कि मज़ार की ओर जाने वाली सड़क पर कई गैस कनस्तर भी छोड़े गए, कब्रिस्तान के प्रवेश द्वार के पास विस्फोटकों से भरे दो बैग रखे गए थे. विस्फोट के समय कासिम सुलेमानी की कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.

न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी टीवी चैनल पर चलाए जा रहे विज़ुअल्स के हवाले से बताया है कि बचावकर्मी घायलों की मदद के लिए जुट गए हैं. ईरानी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए 5 अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

ईरानी मीडिया के मुताबिक, ईरान में आज कासिम सुलेमानी की चौथी बरसी मनाई जा रही है. वह 3 जनवरी 2020 को इराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में शहीद हो गए थे.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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