सरकार जिस तरीके से काम कर रही है और लगातार सुप्रीम कोर्ट के आदेश से परे जाकर फैसला ले रही है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. ताजा मामला ईडी प्रमुख संजय मिश्रा के सेवा विस्तार का है. केंद्र सरकार मिश्रा का विस्तार चाहती है जबकि इस सेवा विस्तार के खिलाफ कई कई मामले अदालत में दर्ज हो गए हैं. अब प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के फैसले का सुप्रीम कोर्ट परीक्षण करेगा. शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र और केंद्रीय सतर्कता आयोग से जवाब मांगा है. इस मामले पर अब दस दिन के बाद कोर्ट में सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में उस संशोधित कानून को चुनौती दी गई है. जिसके तहत निदेशक के कार्यकाल में 5 साल तक के विस्तार की अनुमति दी गई है. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने आठ याचिकाओं के प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए. कांग्रेस नेताओं रणदीप सिंह सुरजेवाला और जया ठाकुर तथा तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने भी याचिकाएं दाखिल की हैं. वकील एमएल शर्मा ने इस मामले पर पहली याचिका दायर की थी. याचिकाओं में अध्यादेश को असंवैधानिक करार देने की मांग की है.
इससे पहले सिंतबर, 2021 में ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संजय मिश्रा को आगे एक्सटेंशन नहीं मिलेगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद नवंबर में उनका कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया. वहीं, याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने कहा था कि बिना लोकसभा और राज्यसभा में बहस के ये संशोधन अध्यादेश पास कर दिया गया. ये पूरी तरह अंसवैधानिक है.
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा भारतीय राजस्व सेवा के 1984 बैच के आयकर विभाग कैडर के अधिकारी हैं. केंद्र सरकार की ओर से 17 नवंबर, 2021 को उनका कार्यकाल 18 नवंबर, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया था. केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई निदेशकों की नियुक्ति 5 साल तक बने रहने के लिए अध्यादेश लेकर आई थी.