Tuesday, April 16, 2024
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ईडी प्रमुख संजय मिश्रा के कार्यकाल बढ़ाने को लेकर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस 

सरकार जिस तरीके से काम कर रही है और लगातार सुप्रीम कोर्ट के आदेश से परे जाकर फैसला ले रही है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. ताजा मामला ईडी प्रमुख संजय मिश्रा के सेवा विस्तार का है. केंद्र सरकार मिश्रा का विस्तार चाहती है जबकि इस सेवा विस्तार के खिलाफ कई कई मामले अदालत में दर्ज हो गए हैं. अब प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के फैसले का सुप्रीम कोर्ट परीक्षण करेगा. शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र और केंद्रीय सतर्कता आयोग से जवाब मांगा है. इस मामले पर अब दस दिन के बाद कोर्ट में सुनवाई होगी.

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में उस संशोधित कानून को चुनौती दी गई है. जिसके तहत निदेशक के कार्यकाल में 5 साल तक के विस्तार की अनुमति दी गई है. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने आठ याचिकाओं के प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए. कांग्रेस नेताओं रणदीप सिंह सुरजेवाला और जया ठाकुर तथा तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने भी याचिकाएं दाखिल की हैं. वकील एमएल शर्मा ने इस मामले पर पहली याचिका दायर की थी. याचिकाओं में अध्यादेश को असंवैधानिक करार देने की मांग की है.

इससे पहले सिंतबर, 2021 में ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संजय मिश्रा को आगे एक्सटेंशन नहीं मिलेगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद नवंबर में उनका कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया. वहीं, याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने कहा था कि बिना लोकसभा और राज्यसभा में बहस के ये संशोधन अध्यादेश पास कर दिया गया. ये पूरी तरह अंसवैधानिक है.

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा भारतीय राजस्व सेवा के 1984 बैच के आयकर विभाग कैडर के अधिकारी हैं. केंद्र सरकार की ओर से 17 नवंबर, 2021 को उनका कार्यकाल 18 नवंबर, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया था. केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई निदेशकों की नियुक्ति 5 साल तक बने रहने के लिए अध्यादेश लेकर आई थी.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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