मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस मल्होत्रा को यह धमकी सिख्स फॉर जस्टिस नाम के संगठन की ओर से दी गई है। इस संगठन ने धमकी भरे ऑडियो क्लिप जारी किए हैं। धमकी में कहा गया है कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और सिखों में से किसी एक को चुनना होगा। इससे पहले इस केस से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को धमकी भरे कॉल आए थे। वकीलों से भी प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा की चूक के मामले से दूर रहने को कहा गया था। बता दें कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए कमेटी का ऐलान किया था। यह पांच सदस्यीय कमेटी पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में गठित की गई है।
इससे पहले वकीलों को दी गई धमकी में कहा गया था कि वह पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा से जुड़े केस में हिस्सा न लें। धमकी में कहा गया था कि अब तक 1984 के सिख दंगों के एक भी गुनहगार को सजा नहीं मिली है। ऐसे में इस केस की भी सुनवाई नहीं होनी चाहिए। बता दें कि जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में गठित की गई जांच कमिटी में एनआईए के महानिदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि, चंडीगढ़ के पुलिस चीफ, पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को शामिल किया गया है। इसके अलावा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल भी इस जांच पैनल के सदस्य हैं।