गुलाम नबी आजाद कांग्रेस मुक्त होकर कांग्रेस पर न केवल हमलावर हैं. बल्कि जम्मू कश्मीर में कांग्रेस को लगभग तोड़ भी चुके हैं. आज़ाद ने जम्मू कश्मीर को कांग्रेस मुक्त करने का आह्वान किया है. अभी वो यही कर रहे हैं. आगे वो क्या करेंगे इसे देखना है. गुलाम नबी आजाद चार सितंबर को अपनी पहली रैली जम्मू में करने जा रहे हैं. खास बात यह है कि उसी दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ कार्यक्रम करने वाले हैं. इसको लेकर राजनीति हलचल बढ़ गई है.
गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ने की जो वजह बताई थी, उसमें राहुल गांधी के गंभीरता नहीं दिखाना भी एक वजह थी. हालांकि गांधी परिवार के प्रति निष्ठावान नेताओं ने इसके लिए आजाद की आलोचना भी की थी. आजाद से पहले पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी ऐसी बातें सार्वजनिक रूप से कही हैं. इससे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर दबाव बढ़ता जा रहा है.
इस बीच जम्मू में गुलाम नबी आजाद की रैली और दिल्ली में राहुल गांधी के हल्ला बोल कार्यक्रम से लोग उम्मीद लगा रहे हैं कि दोनों जगह सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप के बजाए कुछ नए खुलासे भी हो सकते हैं. आजाद पहले ही कह चुके हैं कि उनका त्याग पत्र बस शुरुआत है. यह इस बात का संकेत है कि वह आने वाले दिनों में गांधी परिवार पर अपना प्रहार तेज करेंगे.
दूसरी तरफ आजाद के समर्थन में कांग्रेस पार्टी से अलग होने वालों का दौर लगातार जारी है. मंगलवार को एक पूर्व उप मुख्यमंत्री सहित पार्टी के करीब 64 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया.
आजाद ने घोषणा की है कि जल्द ही वो जम्मू कश्मीर में एक नई पार्टी गठित करेंगे, जो राष्ट्रीय स्तर की होगी. पार्टी की प्रदेश इकाई के नेताओं ने इस्तीफा पत्र में कहा, ‘‘हम सभी आजाद का समर्थन करते हैं और जम्मू कश्मीर को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने में उनके साथ होंगे.’’ उन्होंने कहा कि आजाद का यहां से राष्ट्रीय स्तर की पार्टी गठित करने के फैसले से सभी के लिए चीजों को ठीक करने की प्रेरणा मिलेगी. उन्होंने कहा, हमें भरोसा है कि जम्मू कश्मीर एक बार फिर से आजाद के नेतृत्व में पूर्ण राज्य का दर्जा वापस प्राप्त करने में सफल होगा.