Friday, April 26, 2024
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सर्दियों में ये हरी सब्ज़ियां बढ़ाती हैं यूरिक एसिड, जानिए हरी मटर के नुकसान

सर्दियों के मौसम में मार्केट हरी सब्जियों और पौष्टिक फलों से भर जाता है। सर्दियों के मौसम में मटर एक ऐसी सब्जी है जिसका सेवन लोग सबसे ज्यादा करते हैं। आलू मटर की सब्जी, मटर के पराठे और मटर की घुगरी जैसी तमाम रेसिपी हैं जिसको लोग सर्दियों में बहुत चाव से खाते हैं। लेकिन एक बात जो आपको पता होनी चाहिए कि यूरिक एसिड के मरीजों को ज्यादा हरी मटर का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे आपके ज्वाइंट पेन और सूजन और ज्यादा बढ़ सकते हैं, क्योंकि हरी मटर यूरिक एसिड (Peas in Uric Acid) को बढ़ा सकते हैं।

Side Effects Of Peas In High Uric Acid

दरअसल, हरी मटर में प्यूरिन नामक प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है जो टूट कर यूरिक एसिड बनाता है और यह आपके जोड़ों में जाकर चिपक जाता है, जिससे आपको जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है। इसलिए यूरिक एसिड कि मरीजों को हरी मटर (Peas in Uric Acid) का सेवन अधिक मात्रा में ना करने की सलाह दी जाती है।

आमतौर पर जवाब के शरीर में यूरिक एसिड बढ़ा हुआ हो तो आपको अपनी डाइट में सब्जियां जरूर शामिल करनी चाहिए। लेकिन कुछ सब्जियां ऐसी हैं जिनसे आपको बचने की जरूरत है या इनका सेवन कम करने की जरूरत है। खासकर अगर आप यूरिक एसिड पेशेंट है तो आपको इन सब्जियों से परहेज करना ही बेहतर है। हाई यूरिक एसिड वाली सब्जियां (Vegetables With High Uric Acid) जैसे- फूलगोभी, शतावरी, पालक, मटर और मशरूम आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।

यूरिक एसिड को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी होता है क्योंकि शरीर में इसकी अधिकता के कारण आपको गठिया, किडनी स्टोन और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यूरिक एसिड कम करने के लिए जरूरी है कि आप उन खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें जिनमें प्यूरिन अधिक मात्रा में पाया जाता है। क्योंकि प्यूरिन ही यूरिक एसिड बनाता है।

इसके अलावा विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करना है। कॉफी का सेवन कर सकते हैं। अपना वजन नियंत्रित रख सकते हैं, और जो सबसे खास बात यह है कि आपको शराब और चीनी युक्त पेय पदार्थ का सेवन नहीं करना है। कोशिश करें कि नॉनवेज का सेवन भी कम से कम करें।

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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