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यूक्रेन सरकार ने लगाई इमरजेंसी, अपने नागरिकों को फौरन रूस छोड़ने की हिदायत की

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यूक्रेन सरकार ने लगाई इमरजेंसी, अपने नागरिकों को फौरन रूस छोड़ने की हिदायत की

रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. एक तरफ रूस ने यूक्रेन से अपने राजनयिकों को बुलाने का ऐलान कर दिया है. तो वहीं रूसी हमले के डर से यूक्रेन ने बुधवार को देश में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया. इसी के साथ यूक्रेन ने अपने सभी नागरिकों से जल्द से जल्द रूस छोड़ने को कहा है. इससे पहले रूस ने पूर्वी यूक्रेन के उन इलाकों के साथ राजनयिक रिश्ते शुरू भी कर दिए हैं जिन्हें एक दिन पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्वतंत्र देश घोषित कर अपनी मान्यता दे दी थी. रूस के इस कदम के बाद यूरोपियन यूनियन, ब्रिटेन और अमेरिका ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंधों का एलान किया है.

यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की आशंका भी बढ़ती जा रही है, लेकिन दूसरी तरफ उस पर साइबर हमले भी तेज हो रहे हैं. एक बार फिर किसी ने यूक्रेन की रक्षा और विदेश मंत्रालय की वेबसाइट को हैक करने की कोशिश की है. रूस से तनाव के बीच ही यूक्रेन की संसद ने देश की ताजा स्थिति पर चर्चा करने के बाद देश में इमरजेंसी लागू करने का एलान कर दिया है.

उधर यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए गुरुवार को यूरोपीय संघ भी आपात बैठक बुला कर युक्रेन की ताज़ा स्थिति पर चर्चा करेगा. इस बैठक में रूस को घेरने के लिए आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. यूरोपीय संघ के सभी ने स्पष्ट कर दिया है कि 21वीं सदी में ताकत का इस्तेमाल कर बॉर्डर पर स्थिति को बदला नहीं जा सकता है.

वहीं रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव और जंग से बचने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक अहम बैठक शुरू हो चुकी है. बैठक के दौरान वर्तमान परिस्थितियों पर विस्तार से मंथन चल रहा है. रूस के उठाए कदमों पर भी बहस की जा रही है.

इस दौरान तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा है कि उनका देश यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ रूस के कदम को मान्यता नहीं देता. रूस ने यूक्रेन में विद्रोहियों के वर्चस्व वाले इलाके दोनेत्स्क और लुहान्स्क को मान्यता दे दी है. अर्दोआन ने इस कदम का विरोध जताने के लिए रूसी राष्ट्रपति को फोन किया था.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक खबर के मुताबिक अर्दोआन के दफ्तर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तुर्की के राष्ट्रपति ने पुतिन को फोन कर कहा कि इस क्षेत्र में सैन्य संघर्ष से किसी का भला नहीं होगा. उन्होंने इस समस्या के हल के लिए अपनी मदद का प्रस्ताव भी दोहराया.

अर्दोआन ने कहा कि वह क्षेत्रीय मुद्दों पर रूस के सहयोग की कीमत समझते हैं. वह चाहते हैं इन मामलों पर रूस की भूमिका बनी रहनी चाहिए. अर्दोआन ने कहा कि सैन्य संघर्ष के बजाय कूटनीतिक कोशिशों से यूक्रेन-रूस का टकराव टल सकता है. नेटो में भी तुर्की का यह सकारात्मक रुख बरकरार रहेगा.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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