Friday, March 29, 2024
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मिशन 2024 : जनता की नब्ज टटोलने के लिए बिहार की यात्रा पर निकलेंगे नीतीश कुमार 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगली पांच जनवरी से बिहार की यात्रा पर निकलेंगे. नीतीश कुमार की यह यात्रा चम्पारण, बेतिया से शुरू होगी. नीतीश कुमार अक्सर बिहार की यात्रा करते रहे हैं, लेकिन इस बार की यात्रा 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर की जा रही है. माना जा रहा है कि इस यात्रा के जरिये नीतीश कुमार जनता का मिजाज टटोलेंगे. ताकि चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए रणनीति तैयार की जा सके. नीतीश की इस प्रस्तावित यात्रा को लेकर विपक्ष भले ही निशाना साध रहा हो, लेकिन माना जा रहा है कि नीतीश इस यात्रा के जरिए न केवल शराबबंदी को लेकर लोगों का मन टटोलेंगे, बल्कि महागठबंधन में जाने को लेकर भी लोगों के विचारों को समझेंगे.

 

ऐसा नहीं है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई पहली बार किसी यात्रा पर निकले हों. इससे पहले भी वो सत्ता में रहने और नहीं रहने के दौरान भी विभिन्न नामों के जरिए एक दर्जन से ज्यादा यात्रा कर चुके हैं, जिसका राजनीति में लाभ भी उन्हें हुआ है. नीतीश कुमार ने 2005 में जहां न्याय यात्रा की थी, वहीं 2009 में विकास यात्रा कर राज्य में चल रही विकास योजनाओं की जमीनी हालत जानने के लिए पूरे राज्य का दौरा किया था.

इसके बाद उन्होंने धन्यवाद यात्रा, प्रवास यात्रा और विश्वास यात्रा के जरिए राज्य के लोगों से मुलाकत की, तो 2012 में अधिकार यात्रा, 2014 में संकल्प यात्रा और संपर्क यात्रा कर लोगों को समझा और परखा था. इसके बाद नीतीश कुमार ने निश्चय यात्रा और समीक्षा यात्रा की. फिर वर्ष 2021 में उन्होंने मुख्यमंत्री समाज सुधार यात्रा की थी, जिसमें लोगों से समाज की कुरीतियों के विषय में बात की थी. पांच जनवरी से प्रस्तावित यात्रा का अभी कोई नाम तो नहीं दिया गया है, लेकिन कहा जा रहा है इस दौरान वो सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे और लोगों से संवाद भी होगा.

जेडीयू के महागठबंधन में शामिल होने के बाद सरकार से अलग हुई बीजेपी ने इसे जनादेश का अपमान और नीतीश के कुर्सी प्रेम के रूप में प्रचारित किया है. महा गठबंधन में साथ जाने के बाद तीन विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों के परिणाम से बीजेपी उत्साहित है. जबकि जेडीयू को आशातीत सफलता नहीं मिली है. ऐसे में माना जा रहा है नीतीश इस यात्रा के जरिए लोगों की नब्ज टटोलेंगे और अगामी होने वाले चुनावों को लेकर रणनीति बनाएंगे.

जेडीयू के एक नेता ने नाम नहीं प्राकशित करने की शर्त पर कहा कि शराबबंदी कानून को लेकर भी नीतीश लोगों के विचारों को जानना चाह रहे हैं. देखा जाए तो राज्य में शराबबंदी कानून लागू करने में सभी दलों का समर्थन था, लेकिन हाल ही में राज्य में जहरीली शराब पीने से हुई मौत का ठीकरा विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही सिर फोड़ रहा है. ऐसे में नीतीश इस यात्रा के जरिए शराबबंदी की असफलता और सफलता को लेकर भी समीक्षा करेंगे.

इस मुद्दे पर दबाव झेल रहे नीतीश कुमार सीधे-सीधे जनता के बीच शराबबंदी पर जनमत की मन:स्थिति परखेंगे और इस कानून को लेकर लोगों का फीडबैक लेंगे. वैसे, मुख्यमंत्री विभिन्न सार्वजनिक मंचों से किसी भी स्थिति में शराबबंदी कानून को वापस नहीं लेने की सार्वजनिक घोषणा करते रहे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि नीतीश इस यात्रा के जरिए शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए जोरदार तरीके से लोगों से अपील करेंगे.

इधर, जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा कहते हैं कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता काफी पसंद करती है. यात्रा के जरिए मुख्यमंत्री लोगों की समस्या जानेंगे, और उसके समाधान की कोशिश करेंगे. उन्होंने बीजेपी की आलोचना पर कहा कि सत्ता से हटने के बाद वो लोग परेशान हो गए हैं. वहीं, विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार यात्रा के दौरान जहां पहुंचेंगे, वहीं एक सप्ताह के अंदर बीजेपी के नेता पहुंचेंगे. और मुख्यमंत्री की पोल खोलेंगे और राज्य को जानता को उनकी हकीकत बताएंगे.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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