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“भारत का संविधान सर्वोच्च है, संसद नहीं” उपराष्ट्रपति धुनखड़ को जस्टिस लोकर का जवाब

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“भारत का संविधान सर्वोच्च है, संसद नहीं” उपराष्ट्रपति धुनखड़ को जस्टिस लोकर का जवाब

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की टिप्पणी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकर ने कहा कि भारत का संविधान सर्वोच्च है. लाइव लॉ के मैनेजिंग संपादक मनु सेबेस्टियन को दिए गए एक इंटरव्यू में जस्टिस लोकर ने कहा, “भारतीय संविधान सर्वोच्च है, न्यायपालिका, कार्यपालिका और संसद, सर्वोच्च नहीं है.” दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धुनखड़ ने कहा था कि संसद सर्वोच्च है. उसी बयान पर अपनी टिप्पणी करते हुए जस्टिस लोकेर ने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका को यह जांचने का काम सौंपा है कि विधान मंडल द्वारा बनाया गया कोई कानून असंवैधानिक है या वो कानून मौलिक अधिकारों का उल्लंघन तो नहीं करता है, और यह अदालत उसकी जांच कर सकती है.

सर्वोच्च न्यायालय ने आयोग को असंवैधानिक घोषित करने वाली याचिका को खारिज कर दिया. उपराष्ट्रपति धनखड़ के अनुसार, 99वें संवैधानिक संशोधन, जिसने NJAC के लिए रास्ता तैयार किया था, और जिसे संसद और राज्य विधानसभाओं द्वारा सर्वसम्मति से बहुमत के साथ पारित किया गया था. और जिसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खारिज नहीं किया जा सकता था. बता दें कि उपराष्ट्रपति ने ‘बुनियादी ढांचे के दृष्टिकोण’ पर भी गंभीर सवाल उठाए थे. जबकि उसे सर्वोच्च न्यायालय ने एनजेएसी को समाप्त करने के लिए लागू किया था.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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