उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की टिप्पणी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकर ने कहा कि भारत का संविधान सर्वोच्च है. लाइव लॉ के मैनेजिंग संपादक मनु सेबेस्टियन को दिए गए एक इंटरव्यू में जस्टिस लोकर ने कहा, “भारतीय संविधान सर्वोच्च है, न्यायपालिका, कार्यपालिका और संसद, सर्वोच्च नहीं है.” दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धुनखड़ ने कहा था कि संसद सर्वोच्च है. उसी बयान पर अपनी टिप्पणी करते हुए जस्टिस लोकेर ने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका को यह जांचने का काम सौंपा है कि विधान मंडल द्वारा बनाया गया कोई कानून असंवैधानिक है या वो कानून मौलिक अधिकारों का उल्लंघन तो नहीं करता है, और यह अदालत उसकी जांच कर सकती है.
सर्वोच्च न्यायालय ने आयोग को असंवैधानिक घोषित करने वाली याचिका को खारिज कर दिया. उपराष्ट्रपति धनखड़ के अनुसार, 99वें संवैधानिक संशोधन, जिसने NJAC के लिए रास्ता तैयार किया था, और जिसे संसद और राज्य विधानसभाओं द्वारा सर्वसम्मति से बहुमत के साथ पारित किया गया था. और जिसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खारिज नहीं किया जा सकता था. बता दें कि उपराष्ट्रपति ने ‘बुनियादी ढांचे के दृष्टिकोण’ पर भी गंभीर सवाल उठाए थे. जबकि उसे सर्वोच्च न्यायालय ने एनजेएसी को समाप्त करने के लिए लागू किया था.