Friday, March 29, 2024
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आरआरआर’ के ‘नाटू नाटू’ सॉन्ग ने ऑस्कर में रचा इतिहास, सर्वश्रेष्ठ मूल गीत श्रेणी में हुआ नॉमिनेट

 

फिल्मकार एस एस राजामौली की ‘आरआरआर’ ने मंगलवार को फिल्म के गाने ‘नाटू नाटू’ के साथ सर्वश्रेष्ठ मूल गीत कैटेगरी में ऑस्कर नॉमिनेट होकर इतिहास रच दिया.

आपको बता दें कि इस कैटेगरी में ‘आरआरआर’ का ‘नाटू नाटू’ सॉन्ग चार अन्य नामांकित सॉन्ग्स के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेगा. जिसमें ‘टेल इट लाइक ए वुमन’, ‘होल्ड माय हैंड फ्रॉम टॉप गन : मेवरिक’, ‘लिफ्ट मी अप फ्रॉम ब्लैक पैंथर : वकांडा फॉरएवर’ और ‘दिस इज़ ए लाइफ फ्रॉम एवरीथिंग एवरीव्हेर ऑल एट वंस’ का नाम शामिल है.

गौरतलब है कि भारत में बनी दो डॉक्यूमेंट्री भी ऑस्कर के लिए जा रही हैं – ‘ऑल दैट ब्रीथ्स’ को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म और ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट के लिए नॉमिनेट किया गया है. वहीं, भारत की ऑफिशियल ऑस्कर एंट्री ‘छेल्लो शो’ या ‘लास्ट पिक्चर शो’, सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म श्रेणी में अंतिम स्लेट से बाहर हो गई थी.

अगर ‘नाटू नाटू’ के संगीतकार एमएम कीरावनी ऑस्कर जीत लेते हैं, तो वो भारतीय विजेताओं की उस लिस्ट में शामिल हो जाएंगे. जिसमें भानु अथैया (गांधी के लिए किया सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइन), एआर रहमान, गुलजार और साउंड इंजीनियर रेसुल पुकुट्टी (स्लमडॉग मिलेनियर) का नाम आता है. आपको बताते चलें कि ‘आरआरआर’ और इन डॉक्युमेंट्री से पहले ‘मदर इंडिया’, ‘सलाम बॉम्बे’ और ‘लगान’ को सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म के लिए नामांकित किया गया था.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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