Home ताज़ातरीन अडानी ग्रुप का अहम फैसला, वापस लिया 20 हजार करोड़ का एफपीओ, शेयरहोल्डर के पैसे होंगे वापस

अडानी ग्रुप का अहम फैसला, वापस लिया 20 हजार करोड़ का एफपीओ, शेयरहोल्डर के पैसे होंगे वापस

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अडानी ग्रुप का अहम फैसला, वापस लिया 20 हजार करोड़ का एफपीओ, शेयरहोल्डर के पैसे होंगे वापस

अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने एक बड़ा और अहम फैसला लिया है. अडानी ग्रुप के बोर्ड ने पूरी तरह से सब्सक्राइब हुए 20 हज़ार करोड़ के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को वापस ले लिया है. कंपनी ने इसके साथ अब आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है. इस अहम फैसले के बाद जिन्होंने भी अडानी ग्रुप के एफपीओ को सब्सक्राइब किया है, उनके पैसे वापस लौटा दिए जाएंगे.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी के बोर्ड्स ऑफ़ डायरेक्टर्स ने एक फरवरी को हुई बैठक में एफपीओ वापस करने का फैसला किया है.

कंपनी ने कहा है कि वह अपने शेयरहोल्डरों के हित में आंशिक चुकता आधार पर एक रुपये अंकित मूल्य के 20 हज़ार करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों की पेशकश पर आगे नहीं बढ़ेगी. कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में यह जानकारी दी है.

दरअसल हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर तेजी से नीचे गिरे थे. तेज़ी से गिरावट का यह दौर बुधवार को भी देखा गया. पिछले पांच कारोबारी सत्रों में समूहों की कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन सात लाख करोड़ रुपये घट गया है.

शुरू में लड़खड़ाने के बाद मंगलवार को बाजार बंद होने तक अडानी इंटरप्राइजेज का एफपीओ पूरी तरह से सब्सक्राइब हो चुका था. एफपीओ को आखिरी दिन शेयरहोल्डर्स का स्पोर्ट मिला जिनमें कुछ साथी उद्योगपतियों की पारिवारिक कंपनियां और गैर-रिटेल निवेशक शामिल हैं.

गौरतलब है कि इस रिपोर्ट में समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. ये रिपोर्ट एक ऐसे समय में सामने आई है, जब अडानी इंटरप्राइजेज का एफपीओ आना था.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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