अंज़रूल बारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई है कि यूरोपीय यूनियन से भारत का मुक्त व्यापार समझौता यानी एफटीए जल्द आकार ले लेगा. डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन से वार्ता के बाद मोदी ने यह उम्मीद जताई. दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत, हरित रणनीतिक साझेदारी, यूक्रेन संकट जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की.
विदेश मंत्रालय ने बताया, डेनमार्क के साथ नौ समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए हैं. इनमें बंदरगाह, प्रवासन और गतिशीलता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, जल शक्ति, व्यावसायिक शिक्षा-उद्यमिता, कौशल विकास, पशुपालन और डेयरी, ऊर्जा नीति और भारत को इंटरनेशनल सेंटर फॉर एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंट सॉल्यूशन में बतौर मिशन पार्टनर शामिल करने के समझौते शामिल हैं.
फ्रेडरिक्सन के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा, भारत और डेनमार्क लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी और कानून के शासन जैसे मूल्यों को साझा करते हैं. अक्तूबर, 2020 में डेनमार्क के साथ वर्चुअल बैठक में हमने अपने रिश्तों को हरित रणनीतिक साझेदारी करार दिया था. साझेदारी की कार्ययोजना की समीक्षा भी की गई. पीएम मोदी जर्मनी के बाद मंगलवार को डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचे, जहां हवाई अड्डे पर फ्रेडरिक्सन ने उनकी अगवानी की.
प्रधानमंत्री मोदी ने डेनमार्क की कंपनियों, पेंशन फंडों को भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा, डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां भारत में पहले से हैं, और सरकार की कारोबारी सुगमता की नीति का लाभ उठा रही हैं. फोमो’ का जिक्र: मोदी ने सोशल मीडिया पर चर्चित उक्ति फीअर ऑफ मिसिंग आउट (फोमो) यानी चूक जाने के भय, की भी चर्चा की. उन्होंने कहा, भारत में सुधारों और निवेश के विकल्पों को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि जो हमारे देश में निवेश नहीं करेंगे, वो निश्चित रूप से चूक जाएंगे.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का फ्रेडरिक्सन ने फिर समर्थन किया. साथ ही, सुरक्षा परिषद समेत संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए साझा प्रयास पर सहमति बनी, ताकि ज्यादा प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जा सके. मोदी और फ्रेडरिक्सन ने साझा बयान में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के महत्व को रेखांकित किया. दोनों देशों में आर्थिक रिश्तों को अधिकतम स्तर पर ले जाने की जरूरत भी बताई. बयान के मुताबिक, निवेश और व्यापार का प्रवाह नागरिकों की समृद्धि व आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. यह प्रवाह लचीली, विविधतापूर्ण, पारदर्शी, खुली, सुरक्षित और पूर्वानुमानित वैश्विक आपूर्ति शृंखला के जरिये होना चाहिए.
दोनों नेताओं ने भारत में अक्षय ऊर्जा, जल, बंदरगाह प्रबंधन, फूड प्रोसेसिंग और अन्य नए क्षेत्रों में डेनमार्क के, जबकि डेनमार्क के सूचना तकनीक क्षेत्र में भारत के निवेश का स्वागत किया. भारत ऐसा देश बन गया है, जहां डेनमार्क के बाहर डेनिस कंपनियों में सबसे अधिक कर्मचारी काम करते हैं.
मोदी ने यूक्रेन में तत्काल संघर्ष रोकने और समाधान के लिए दोनों पक्षों से वार्ता की राह पर लौटने की फिर अपील की. वहीं, फ्रेडरिक्सन ने उम्मीद जताई, भारत युद्ध समाप्त करवाने में रूस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा. उन्होंने कहा, मेरा संदेश बिलकुल साफ है, पुतिन युद्ध खत्म कर हत्याएं बंद करें. साझा बयान में भी दोनों नेताओं ने यूक्रेन में मानवीय संकट पर चिंता जताई. बयान में कहा गया है, हम स्पष्ट रूप से यूक्रेन में हो रही नागरिक हत्याओं की निंदा करते हैं.
‘मोदी-मोदी’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारों के बीच पीएम ने कहा कि भारतीय दुनिया में कहीं भी जाएं, उस देश के लिए, अपनी कर्मभूमि के लिए पूरी गंभीरता से अपना योगदान देते हैं. उन्होंने कहा, कई बार जब मैं दुनिया के नेताओं से मिलता हूं, वो गर्व से मुझे अपने देश में भारतीय समुदाय की उपलब्धियों के बारे में बताते हैं. दुनिया के अलग-अलग देशों में बसे भारतीयों की कुल संख्या कई देशों की आबादी से भी अधिक है. मोदी ने कहा, आज भारत जो भी हासिल कर रहा है, वो सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि 20 फीसदी मानवता की उपलब्धि है. कल्पना कीजिए, अगर भारत में हम टीके को हर परिवार तक नहीं पहुंचा पाते तो उसका दुनिया पर क्या असर होता? भारत की ताकत जब बढ़ती है तो दुनिया की ताकत बढ़ती है.