अखिलेश अखिल
देश में बढ़ती बेरोजगारी और रोजगार न मिलने से निराश होते लोगों की स्थिति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला किया है. राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार के मास्टर स्ट्रोक के कारण अब करोड़ों लोग निराश होकर नौकड़ी की उम्मीद छोड़कर या तो बैठ गए हैं या फिर गांव की तरफ पलायन कर गए हैं. राहुल गांधी ने जिस खबर का हवाला दिया, उसमें ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ यानि सीएमआईई की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि साल 2017 से 2022 के बीच, कुल श्रम भागीदारी दर 46 प्रतिशत से घटकर 40 प्रतिशत हो गई, लगभग 2.1 करोड़ श्रमिकों ने काम छोड़ा और केवल 9 प्रतिशत पात्र आबादी को रोजगार मिला.
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में अभी 90 करोड़ लोग रोजगार के पात्र हैं, जिनमें से 45 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अब काम की तलाश भी छोड़ दी है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘न्यू इंडिया का न्यू नारा : हर-घर बेरोज़गारी, घर-घर बेरोज़गारी. 75 साल में मोदी जी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनके ‘मास्टर स्ट्रोक’ से 45 करोड़ से ज़्यादा लोग नौकरी पाने की उम्मीद ही छोड़ चुके हैं.’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस रिपोर्ट को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि युवाओं के भविष्य के लिए इससे बड़ा खतरा कोई नहीं है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देश में अगर सरकार आशा और उम्मीदों के बजाय निराशा व हताशा के बीज बो रही है, तो देश एवं युवाओं के भविष्य के लिए इससे बड़ा खतरा कोई नहीं है.’’ प्रियंका गांधी ने यह भी कहा, ‘‘45 करोड़ लोगों ने हताश होकर रोजगार तलाशना छोड़ दिया. आज के दौर में यह हमारी सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए.’’
बता दें कि पिछले आठ साल से बेरोजगारी को लगातार लोग सड़कों पर तो उतरते हैं. देश के कई इलाकों में युवा आंदोलन भी करते हैं लेकिन बेरोजगारी का मसला ख़त्म होते नजर नहीं आता. देश में बेरोजगारी से तो परेशानी थी ही, आसमान छूती महंगाई से लोगों का जीना दूभर हो गया है. हालत ये हैं कि काम नहीं मिलने की वजह से अब बड़ी संख्या में लोग गांव की तरफ फिर से पलायन कर रहे हैं, जिससे गावों और खासकर राज्य की स्थिति भी ख़राब होती जा रही है. कहा जा रहा है कि अगर बेरोजगारी और महंगाई की हालत ऐसी ही बनी रही तो देश के सामने आने वाले समय में बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है.