Sunday, September 8, 2024
होमविदेशपाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के निधन की खबर को परिवार...

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के निधन की खबर को परिवार ने बताया गलत, कहा तबियत में हो रहा है सुधार

 

अंज़रुल बारी

 

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की हालत गंभीर बनी हुई है. पहले उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था, लेकिन अब उनका वेंटीलेटर हटा दिया गया है. ये जानकारी उनके परिवार की तरफ से दी गई है. परिवार का कहना है कि अब उनकी तबियत में सुधार हो रहा है, परिवार ने बताया कि तीन हफ्ता पहले मुशर्रफ को अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उन्हें गुरुवार को वेंटीलेटर पर रखा गया था, तबियत में सुधार के बाद वेंटीलेटर हटा दिया गया है. साथ ही परिवार ने सभी से मुशर्रफ के जल्द स्वस्थ होने की भी अपील की है.

हालांकि एक टीवी चैनल जीएनएन का दावा है कि परवेज मुशर्रफ को दिल और अन्य बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया और बीमारी से लड़ते हुए शुक्रवार को उनका निधन हो गया. दूसरी ओर पाकिस्तान सरकार की तरफ से भी मुशर्रफ के निधन के खबर की अब तक कोई पुष्टि नहीं की गई है.

79 वर्षीय मुशर्रफ ने 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्ता पलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था. वो 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे थे. इसके अलावा वो देश के आर्मी चीफ भी रहे. भारत के साथ कारगिल की जंग के लिए मुशर्रफ को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है. हालांकि सोशल मीडिया पर कुछ लोग उनकी मौत की खबर को झूठ भी बता रहे हैं. मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं.

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई गई है. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने ऐसी सजा सुनाई. 3 नवंबर, 2007 को देश में इमरजेंसी लगाने और दिसंबर 2007 के मध्य तक संविधान को निलंबित करने के जुर्म में परवेज मुशर्रफ पर दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था. मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया था.

मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को नई दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुआ था. 1947 में विभाजन से कुछ ही दिन पहले उनका परिवार पाकिस्तान पहुंचा गया था. उनके पिता ने पाकिस्तान सरकार में काम करना शुरू किया, जहां उनका तबादला पाकिस्तान से तुर्की हुआ और फिर वो अपने परिवार के साथ कुछ समय वहां भी रहे. 1957 में इनका पूरा परिवार फिर पाकिस्‍तान वापस लौट आया. बता दें कि मुशर्रफ युवा होते हुए एक खिलाड़ी भी रहे हैं.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments