Sunday, September 8, 2024
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‘द कश्मीर फाइल्स‘अश्लील और प्रोपेगेंडा पर आधारित फिल्म: इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के जूरी हेड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘अश्लील और प्रोपेगेंडा फिल्म बताया है। बता दें कि कश्मीर फाइल फिल्म विवेक अग्निहोत्री की फिल्म है। इसे लेकर इजराइली फिल्म निर्माता और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के जूरी प्रमुख नदव लापिड ने एक दुष्प्रचार वाली फिल्म कहा है। उन्होंने इस फिल्म की निंदा करते हुए इसे अश्लील फिल्म कहा।

गौरतलब है कि फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म की स्क्रीनिंग देखकर जूरी ने हैरानी जताई। जूरी ने कहा कि इस फिल्म को देखकर हम सभी हैरान हैं। इसे देखकर हमें लगा कि यह केवल एक प्रचार करने के लिए और वल्गर फिल्म है। इस तरह की फिल्में एक जाने माने फिल्म फेस्टिवल के एक कलात्मक, प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए ठीक नहीं है।

गोवा में मनाए जा रहे 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बड़े-बड़े फिल्मी सितारों ने शिरकत की है। लेकिन इस बीच जब विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर जूरी और इजरायली फिल्ममेकर नादव लापिड ने दुष्प्रचार जैसी बातें कही तो सभी हैरान रह गए। दरअसल इस फिल्म को लेकर विवेक अग्निहोत्री का दावा है कि ‘द कश्मीर फाइल्स…’ के जरिए उन्होंने कश्मीरी पंडितों की आपबीती दिखाई है। मालूम हो कि इस फिल्म ने सिनेमाघरों में भी अच्छा कारोबार किया था। लेकिन इजरायल फिल्ममेकर ने इसे वल्गर श्रेणी का बताया है।

विवेक अग्निहोत्री के डायरेक्शन में बनी ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर कहा गया कि 90 के दशक में घाटी में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार की कहानी दिखाई गई है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस से 340 करोड़ रुपयों का कलेक्शन किया था।

वहीं नदव लापिड के बयान को लेकर पीडीपी प्रवक्ता मोहित भान ने कहा कि इस फिल्म को नफरत फैलाने के इरादे से बनाया गया था।

बता दें कि भारत सरकार द्वारा भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFA) का आयोजन होता है। वहीं इस बार के IFFA समारोह में जूरी प्रमुख इजराइली फिल्म निर्माता नदव लापिड भी शामिल थे। कश्मीर फाइल्स को लेकर लापिड ने अपनी बात कब कही जब समारोह का समापन कार्यक्रम हो रहा था और भारत सरकार में मंत्री भी वहां मौजूद थे।

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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