रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी ने दावा किया है कि भारत सन 2047 तक 40 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बन जाएगा. अगर यह अनुमान सही साबित हुआ तो अगले 25 साल में देश की अर्थव्यवस्था का आकार 13 गुना बढ़ जाएगा. मुकेश अंबानी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के इस विस्तार में क्लीन एनर्जी रिवोल्यूशन और डिजिटलाइजेश का सबसे बड़ा योगदान होगा. मुकेश अंबानी ने 2047 का जिक्र इसलिए भी किया है, क्योंकि तब देश की आजादी के सौ साल पूरे हो जाएंगे.
मुकेश अंबानी का यह अनुमान गौतम अडाणी के उस अनुमान से भी ज्यादा है, जो एशिया के सबसे रईस उद्योगपति ने हाल ही में जाहिर किया था. अडाणी ने पिछले हफ्ते कहा था कि साल 2050 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 30 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा था कि यह ग्रोथ बढ़ते कंजप्शन और सामाजिक-आर्थिक सुधारों की वजह से होने के आसार हैं.
मुकेश अंबानी ने गुजरात की राजधानी गांधीनगर में पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में दिए अपने भाषण में कहा, “भारत अभी 3 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी है, लेकिन 2047 तक हमारी अर्थव्यवस्था का आकार 40 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा और भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन जाएगा.” अंबानी ने प्रधानमंत्री मोदी की तर्ज पर अब से लेकर 2047 तक के समय को अमृतकाल बताते हुए कहा कि इस दौरान देश में आर्थिक विकास और अवसरों का अभूतपूर्व विस्फोट देखने को मिलेगा.
मुकेश अंबानी ने कहा कि आने वाले दशकों के दौरान तीन बड़ी क्रांतियां देश के विकास की अगुवाई करेंगी-क्लीन एनर्जी रिवोल्यूशन, बायो एनर्जी रिवोल्यूशन और डिजिटल रिवोल्यूशन.” उन्होंने कहा कि क्लीन एनर्जी रिवोल्यूशन और बायो एनर्जी रिवोल्यूशन से हमें ऊर्जा के उत्पादन को सस्टेनेबल बनाने में मदद मिलेगी. वहीं डिजिटल रिवोल्यूशन से ऊर्जा की खपत के मामले में एफीशिएंसी बढ़ेगी. मुकेश अंबानी का रिलायंस समूह इन तीनों ही क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है. पंडित दीनदयाल गुजरात की इकलौती ऐसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी है, जिसे नेक ने सबसे ऊंचे ग्रेड ‘A++’ में रखा है. मुकेश अंबानी इस यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के प्रेसिडेंट हैं.