Tuesday, October 22, 2024
होमताज़ातरीनअग्निपथ योजना : दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा अग्निपथ स्कीम गंभीर मामला,...

अग्निपथ योजना : दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा अग्निपथ स्कीम गंभीर मामला, हम पहले इसे देखेंगे !

सरकार की अग्निपथ योजना पर दिल्ली हाई सुनवाई करेगा. अदालत का कहना है कि वो अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पहले सुनवाई करेगा. कोर्ट 12 दिसंबर को इस मसले पर सुनवाई करेगा. माना जा रहा है कि सरकार के लिए यह बड़ा झटका है. अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि अग्निपथ स्कीम बेहद गंभीर मसला है. हम पहले इसे ही देखेंगे.

केंद्र ने पहले अपने जवाब में कहा था कि स्कीम से जुड़ी याचिकाओं को खारिज किया जाए. केंद्र के मुताबिक सेना बेहद अहम है. वो देश की बाहरी सुरक्षा के साथ आंतरिक उथल पुथल को भी नियंत्रित करने का काम करती है. भारत में ऑफिसर रैंक से नीचे की औसत उम्र 32 साल है जबकि दूसरे देशों में ये 26 साल है. लिहाजा ये स्कीम सेना को पेशेवर बनाने के लिहाज से बेहतरीन है. जितने युवा सेना में होंगे सेना उतनी ही तेजी और दक्षता के साथ अपना काम कर सकेगी.

याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण दिल्ली हाईकोर्ट में पेश हुए. उनका कहना था कि सेना की भर्ती से जुड़ा ये मसला बेहद गंभीर है. उनकी गुजारिश थी कि कोर्ट रोजाना इस मामले की सुनवाई कर जल्दी से जल्दी फैसला सुनाए. ध्यान रहे कि अग्निपथ स्कीम को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के सुपुर्द कर दिया था. प्रशांत भूषण की दलील पर हाईकोर्ट ने कहा कि वो उनकी अपील पर गौर करेगी. ये मामला बेहद गंभीर है. हम पहले इसे ही देखने जा रहे हैं.

हाईकोर्ट का यहां तक कहना था कि 12 दिसंबर को हम लिस्ट में शामिल केसों की सुनवाई पूरी कर पाते हैं या नहीं. लेकिन अग्निपथ स्कीम पर दोपहर में 2.30 बजे सुनवाई जरूर की जाएगी. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि वो इस मसले को बेहद गंभीरता से ले रही है. ये देश के युवाओं के साथ सेना से जुड़ा है. बेंच ने एएसजी एश्वर्य भाटी से कहा कि वो एक चार्ट अदालत में पेश करें, जिससे सुनवाई में आसानी हो.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments