सरकार की अग्निपथ योजना पर दिल्ली हाई सुनवाई करेगा. अदालत का कहना है कि वो अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पहले सुनवाई करेगा. कोर्ट 12 दिसंबर को इस मसले पर सुनवाई करेगा. माना जा रहा है कि सरकार के लिए यह बड़ा झटका है. अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि अग्निपथ स्कीम बेहद गंभीर मसला है. हम पहले इसे ही देखेंगे.
केंद्र ने पहले अपने जवाब में कहा था कि स्कीम से जुड़ी याचिकाओं को खारिज किया जाए. केंद्र के मुताबिक सेना बेहद अहम है. वो देश की बाहरी सुरक्षा के साथ आंतरिक उथल पुथल को भी नियंत्रित करने का काम करती है. भारत में ऑफिसर रैंक से नीचे की औसत उम्र 32 साल है जबकि दूसरे देशों में ये 26 साल है. लिहाजा ये स्कीम सेना को पेशेवर बनाने के लिहाज से बेहतरीन है. जितने युवा सेना में होंगे सेना उतनी ही तेजी और दक्षता के साथ अपना काम कर सकेगी.
याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण दिल्ली हाईकोर्ट में पेश हुए. उनका कहना था कि सेना की भर्ती से जुड़ा ये मसला बेहद गंभीर है. उनकी गुजारिश थी कि कोर्ट रोजाना इस मामले की सुनवाई कर जल्दी से जल्दी फैसला सुनाए. ध्यान रहे कि अग्निपथ स्कीम को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के सुपुर्द कर दिया था. प्रशांत भूषण की दलील पर हाईकोर्ट ने कहा कि वो उनकी अपील पर गौर करेगी. ये मामला बेहद गंभीर है. हम पहले इसे ही देखने जा रहे हैं.
हाईकोर्ट का यहां तक कहना था कि 12 दिसंबर को हम लिस्ट में शामिल केसों की सुनवाई पूरी कर पाते हैं या नहीं. लेकिन अग्निपथ स्कीम पर दोपहर में 2.30 बजे सुनवाई जरूर की जाएगी. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि वो इस मसले को बेहद गंभीरता से ले रही है. ये देश के युवाओं के साथ सेना से जुड़ा है. बेंच ने एएसजी एश्वर्य भाटी से कहा कि वो एक चार्ट अदालत में पेश करें, जिससे सुनवाई में आसानी हो.