Friday, October 18, 2024
होम ब्लॉग पेज 4

मणिपुर दौरे पर रवाना हुआ ‘INDIA’ का डेलिगेशन

0

नई दिल्ली 29 जुलाई: नए बने विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के 21 सांसदों पर आधारित डेलिगेशन मणिपुर दौरे के लिए दिल्ली से रवाना हो गया है. दो दिन रह कर सभी नेता वहां रिलीफ कैंप में रह रहे हिंसा प्रभावित लोगें से मुलाकात करेंगे. रवानगी से पूर्व इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री शायद मणिपुर को भूल गए हैं लेकिन हम नहीं भूले हैं इसलिए हम पीड़ितों के बीच जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘यह सही है कि हिंसा प्रभावित जगहों पर जाना हमारे लिए मुश्किल है, लेकिन हम राज्य में जारी हिंसा से प्रभावित लोगों से राहत कैंप में जाकर मुलाकात करेंगे. हम यह देखेंगे कि हिंसा से प्रभावित हुए लोगों के लिए सरकार आखिर क्या कर रही है. हम संसद में मणिपुर के लोगों की बात रख सकें इसलिए हम वहां जा रहे हैं.’

लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम लोग मणिपुर का दुख और पीड़ा जानने जा रहे हैं. मणिपुर का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है. मणिपुर में जातीय दंगा हो रहा है. दूसरे राज्य भी इसमें शामिल हो रहे है. सरकार मणिपुर को लेकर सीरीयस नहीं है. उन्होंने कहा ‘मुझे लगता है की बहुत जगह हम लोगों को जाने भी नहीं दिया जायेगा. सरकार मणिपुर पर बहुत कुछ छुपा रही है’.

इस बीच पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि जो लोग जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए हैं और आवश्यक कार्रवाई करने की जिनकी जवाबदेही है वो बेहतर ढंग से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों का हाथ होने से इनकार नहीं किया, उन्होंने कहा कि यह बात सिर्फ मैं ही नहीं कह रहा हूं. जनरल नरवणे ने विभिन्न विद्रोही समूहों को चीनी सहायता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छी बात नहीं है.

याद रहे कि विपक्षी दलों की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के अंदर आ कर मणिपुर हिंसा पर बयान दें और सरकार मामले पर रुल 267 के तहत सदन में चर्चा करे. जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि सरकार और प्रधानमंत्री मोदी संसद के दोनों सदन में मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है. सरकार चाहती है कि सदन में यह चर्चा रुल 176 के तहत हो, जिस को लेकर सदन में गतिरोध बना हुआ है.

कांग्रेस शासित प्रदेशों में पार्टी सुनिश्चित करे समान और समग्र विकास के अवसर, खरगे से मुलाकात में IMCR प्रमुख ने रखी मांग

0

नई दिल्ली 26 जुलाई:मुसलमानों के बगैर मजबूत कांग्रेस की कल्पना अधूरी है, मुसलमान हमेशा से कांग्रेस के साथ खड़ा रहा है, कांग्रेस को चाहिए कि वो बगैर डरे मुसलमानों के प्रति अपने स्टैंड को साफ करे. यह बात इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स (आईएमसीआर) के प्रमुख और राज्यसभा के पूर्व सांसद मुहम्मद अदीब ने कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे से उनके निवास स्थान पर मुलाकात के दौरान कही. मुलाकात में आईएमसीआर के महासचिव (आर्गनाइजेशन) डॉ. आज़म बेग भी मौजूद थे. लग भग 1 घंटे तक देश की वर्तमान परिस्थितियों, खासकर यूसीसी, मणिपुर हिंसा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय के अल्पसंख्यक दर्ज, राजनीति में मुस्लिमों की भागीदारी समेत अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी कांग्रेस अध्यक्ष से आईएमसी प्रतिनिधि मंडल ने विस्तार से चर्चा की और अपना सुझाव रखा. कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी सुझाव एवं मुस्लिम समाज के समान एवं समग्र विकास सहित कांग्रेस शासित प्रदेशों में उन्हें उचित प्रतिनिधित्व देने जैसे कई सुझावों को ध्यानपूर्वक न सिर्फ सुना बल्कि अल्पसंख्यकों की रक्षा एवं सुरक्षा तथा समग्र विकास हेतु सभी तरह के प्रयास किए जाने की प्रतिनिधि मंडल को यकीन दहानी भी कराई.

इस अवसर पर आईएमसीआर प्रमुख मुहम्मद अदीब द्वारा मुस्लिम समाज को आबादी के अनुपात में हर स्तर पर उचित प्रतिनिधित्व देने की भी मांग रखी साथ ही साथ जल्द ही समाज और आईएमसीआर के उच्चय और शीर्ष प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलने की भी इच्छा जताई जिसे कांग्रेस अध्यक्ष ने सहर्ष स्वीकार किया.

इस अवसर पर मुहम्मद अदीब द्वारा देश में पनप रही अनार्की ,फासीवाद और सांमप्रदायकता के खिलाफ अपोजिशन पार्टियों के साथ मिलकर ‘INDIA’ नामक विपक्षी पार्टियों का गठबंधन बनाए जाने का भी स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि देश को बचाने और आगे बढ़ाने के लिए अभी और भी पार्टियां इसमें शामिल होंगी.

कांग्रेस प्रमुख से मुलाकात के बाद यह प्रतिनि मंडल जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्लाह के निवास स्थान पहुंचा, जहां प्रतिनिमंडल के सदस्यों ने देश के हालात और मुसलमानों पर बढ़ते अत्याचार पर जल्द ही राष्ट्रपति को दिए जाने वाले ज्ञापन और 27 अगस्त 2023 को अहमदाबाद गुजरात में होने वाले आईएमसीआर अधिवेशन पर विस्तृत जानकारी दी, साथ अहमदाबाद सम्मेलन में डॉ. फारूक अब्दुल्लाह को भी अधिवेशन में आमंत्रित किया और उनकी मौजूदगी को सुनिश्चित करने के लिए विस्तार से चर्चा की जिस पर उन्होंने सम्मेलन में हिस्सा लेने पर अपनी स्वीकृति प्रदान की.

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे शुरु, अंदर पहुंची ASI की 30 सदस्य टीम, 4 अगस्त तक कोर्ट में देनी है रिपोर्ट

0

वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद अब ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे शुरू हो गया है. सर्वे का काम मस्जिद में बने वज़ू खाने को छोड़ कर पूरे परिसर का होगा. अदालत के आदेश के बाद पानी के टैंक को पहले ही सील कर दिया था. इस काम को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की 30 सदस्यीय टीम अंजाम दे रही है, सर्वे का काम सोमवार को सुबह सात बजे शुरू हुआ. सर्वेक्षण के दौरान सभी वादियों के एक – एक अधिवक्ता भी शामिल है. इस दौरान मस्जिद परिसर के चारों तरफ भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. इससे पहले पुरातत्व विभाग की टीम रविवार देर शाम वाराणसी पहुंच गई थी. एएसआई सर्वे को लेकर पुलिस कमिश्नर और हिंदू पक्ष ने रविवार को ही एक बैठक भी की.

गौरतलब है कि वाराणसी के जिला न्यायाधीश ए. के. विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी है. विवादित हिस्से को छोड़ कर कोर्ट ने पूरे परिसर की एएसआई सर्वे को मंजूरी दी है. एएसआई को इस सर्वे की रिपोर्ट जिला जज के सामने चार अगस्त तक पेश कर देनी है. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इसका कड़ा विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जिसपर सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.

वहीं सर्वे का काम शुरू होते ही जिला जज वाराणसी के आदेश को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से कैविएट दाखिल की गई है. कैविएट पेटीशन ई-फाइलिंग मोड में दाखिल हुई है. कैविएट रिपोर्ट हिंदू पक्ष की मुख्य वादिनी राखी सिंह की ओर से दाखिल की गई है. कैविएट रिपोर्ट दाखिल किए जाने का मकसद अगर मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी हाईकोर्ट में जिला जज के फैसले को चुनौती दे तो बगैर उन्हें सुने हाईकोर्ट फैसला ना सुना दे. मस्जिद कमेटी की तरफ से अभी तक हाईकोर्ट में कोई अपील दाखिल नहीं की गई है.

आई.एम.सी.आर बैठक में मणिपुर हिंसा पर जताई गई चिंता, विभिन्न मुद्दों पर भी हुई विस्तार से चर्चा

0

नई दिल्ली: इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स (आई.एम.सी.आर) की अहम बैठक रविवार को संगठन मुख्यालय में आयोजित हुई. बैठक में मणिपुर हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए संस्था के चेयरमैन मोहम्मद अदीब ने कहा, जो वीडियो मणिपुर हिंसा में लीक हुए हैं, उन्हें देख ऐसा लगता है जैसे इंसानियत खत्म हो चुकी है, उन्होंने हैरत जताते हुए कहा, जब राज्य का सीएम खुद बता रहा है कि यह तो एक वीडियो है, इस जैसे सैंकड़ों वीडियो है जो अभी सामने नहीं आए हैं. मोहम्मद अदीब ने कहा कि मणिपुर हिंसा सिर्फ एक राज्य में हिंसा भर नहीं है बल्कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा संगीन मसला है, उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा, भाजपा संसद में आर्टिकल 276 के तहत सदन में बहस कराए और राज्य के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से फौरन इस्तीफा लेकर राष्ट्रपति शासन लागू करे.

 

बैठक में ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का मुद्दा उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील जेड.के फैजान ने कहा, स्टे के कारण पहले मस्जिद का हौज मुसलमानों के हाथ से गया, अब मस्जिद का सर्वे करने के अदालत के आदेश से गलत नजीर बनेगी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा, सुप्रीम कोर्ट इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए न सिर्फ ज्ञानवापी मस्जिद केस में बल्कि देश में इस तरह की किसी भी कार्रवाई रोक लगानी चाहिए.

बैठक में आई.एम.सी.आर द्वारा देश भर मुस्लिमों, दलितों पर हो रहे अत्याचार, अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे पर लटकती तलवार और देश के ज्वलंत मुद्दों को लेकर चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान जैसे विषयों पर राष्ट्रपति से जल्द ही मुलाकात को लेकर भी बातचीत हुई, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील फुजैल अहमद अय्यूबी ने राष्ट्रपति को सौंपे जाने वाले ड्राफ्ट का जिक्र करते हुए बताया कि संस्था के अहम सदस्य और विभिन्न पार्टियों के नेताओं को साथ लेकर राष्ट्रपति से जल्द ही मुलाकात का समय मांगा जाएगा और उनसे मुसलमानों, दलितों पर हो रहे अत्याचार, एएमयू के माइनोरिटी स्टेटस पर ज्ञापन सौंप हस्तक्षेप किए जाने की मांग की जाएगी. इस दौरान सभी प्रदेश संयोजक, कमेटियों, एवं सदस्यों सेहस्ताक्षर किए हुए पेपर्स को 31 जुलाई 2023 तक दिल्ली मुख्यालय पहुंचाने की हर संभव कोशिश करें.

बैठक में लॉ कमीशन द्वारा यूसीसी को लेकर भी चर्चा की गई, जिसमें यह तय किया गया कि संस्था जल्द ही पत्र भेज कर अपनी राय से आयोग को आगाह करेगी, संगठन के महासचिव सैय्यद मसूद हुसैन का कहना था कि जब तक ड्राफ्ट सामने नहीं आ जाता है, इस विषय पर मुस्लिम समुदाय को हर तरह के जलसे, जुलूस और प्रदर्शन से बचना चाहिए. संगठन के आर्गनाइटिंग महासचिव डॉ. आज़म बेग का कहना था कि यह यूसीसी का मामला मुसलमानों के साथ साथ देश में रह रही अलग अलग जातियों और धर्मों के मानने वालों के लिए ज्यादा संगीन मामला है, उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस मुद्दे पर खामोशी अख्तियार कर विभिन्न धर्मों और जातियों से भी इसके बुरे परिणाम से उन्हें अवगत कराना चाहिए.

करीब 3 घंटे चली इस अहम बैठक में यह भी तय किया गया की अगस्त के आखिर में अहमदाबाद जबकि सितंबर महीने में प्रयागराज (इलाहाबाद) में संस्था द्वारा आई.एम. सी.आर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान सभी वरिष्ठ सदस्यों द्वारा 9 जुलाई को आजमगढ़ जनपद में आई.एम.सी.आर कॉन्फ्रेंस के सफल आयोजन पर सराहना एवं आजमगढ़ वासियों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया गया. इसके अलावा बैठक में आर्थिक रूप से आई.एम.सी.आर संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत बनाने करने पर भी विस्तृत चर्चा हुई.

बैठक में आई.एम.सीआर के सभी लाइफ मेंबरस से दरखास्त की गई कि वह अपना डोनेशन राशि शीघ्र ही आई.एम.सी.आर के बैंक अकाउंट में जमा कराने का कोशिश करें और जो लोग भी लाइफ मेंबर बनना चाहते हैं उन से चर्चा कर उनकी ओर से भी डोनेशन राशि अकाउंट में भेजने में उनका सहयोग करें.

साथ ही आई.एम.सी.आर महाराष्ट्र इकाई के गठन पर प्रबंध कार्यकारिणी की ओर से सहमति, कुछ और नामों को संगठन में जगह देने पर विचार किया गया. साथ ही यूपी, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, जहां प्रदेश स्तर पर कॉन्फ्रेंस हो चुकी है वहां पर भी प्रदेश के जिम्मेदारों से चर्चा करके फौरन राज्य इकाई के गठन पर ज़ोर दिया गया.

दिल्ली में जामिया नगर स्थित आई.एम.सी.आर बैठक की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने की, जबकि बैठक में कार्यकारिणी के सदस्य और राष्ट्रीय जल आयोग के पूर्व चेयरमैन सैय्यद मसूद हुसैन, वरिष्ठ अधिवक्ता और संस्था के ट्रेज़रार फुजैल अहमद अय्युबी, संस्था के संस्थापक सदस्य और जेएनयू के पूर्व प्रो. सलीम किदवई, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं संस्थापक सदस्य जेड के फैजान, संस्थापक सदस्य एवं जाने माने सीए मोहम्मद यामीन कुरैशी, संगठन के संस्थापक सदस्य इंजीनियर इमलाक खान, सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद इलियास सैफी, वरिष्ठ पत्रकार एवं संस्थापक सदस्य अंजरूल बारी, वरिष्ठ पत्रकार अजीज हैदर, और राष्ट्रीय संगठन महासचिव डॉक्टर आजम बैग भी मौजूद रहे.

एनडीए को पीएम ने बताया वाजपेयी की विरासत, विपक्ष नहीं होगा सफल, देश जानता है किस गोंद से जुड़ा है विपक्ष

0

देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों ने अपनी अपनी तैयारियों के साथ ही चुनावी बिगुल भी फूंक दिया है. मंगलवार को दिल्ली में बीजेपी ने एनडीए की बैठक में शक्ति प्रदर्शन किया. तो वहीं बेंगलुरु में एकजुट हुए विपक्षी दलों ने भी महागठबंधन की घोषणा करते हुए उसे इंडिया नाम दिया.

इस दौरान पीएम मोदी एनडीए बैठक को संबोधित करते हुए विपक्ष के गठजोड़ पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि हम जब विपक्ष में थे तब भी हमने सकारात्मक राजनीति की, हमने कभी नकारात्मक राजनीति नहीं की. हमने विपक्ष में रहकर सरकारों का विरोध किया, उनके घोटालों को सामने उजागर किया, मगर कभी जनादेश का अपमान नहीं किया और न ही विदेशी ताकतों से मदद की मांग की. जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी से होता है, जब गठबंधन भ्रष्टाचार के इरादे से हो, जब गठबंधन परिवारवाद की नीति पर आधारित हो तो वह गठबंधन देश को बहुत नुकसान पहुंचाता है. वो कभी सफल नहीं होंगे.

पीएम मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जनता देख रही है कि ये पार्टियां क्यों इकट्ठा हो रही हैं. जनता ये भी जान रही है कि ऐसा कौन सा गोंद है जो इन पार्टियों को जोड़ रहा है. किस तरह छोटे-छोटे स्वार्थ के लिए मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केरल में लेफ्ट और कांग्रेस में लड़ाई हो

रही है, और बेंगलुरु में ये साथ बैठे हैं. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट के लोगों को टीएमसी के लोग से लड़ रहे हैं, लेकिन इनके शीर्ष नेता कुछ नहीं कहते. पीएम ने कहा कि ये लोग तोड़ते हैं, हम जोड़ते हैं.

इस दौरान एनडीए में नए जुड़े दलों का स्वागत करते हुए पीएम मोदी ने एनडीए का नया मतलब बताया. उन्होंने कहा कि एनडीए का मतलब है एन से न्यू इंडिया, डी से डेवलप्ड नेशन, ए से एस्पिरेशन ऑफ पीपल यानि लोगों की आकांक्षा. आज युवा, महिलाएं, मध्यम वर्ग, दलित और वंचितों को एनडीए पर भरोसा है. एनडीए के लिए राष्ट्र पहले है, राष्ट्र की सुरक्षा पहले है, प्रगति पहले है और लोगों का सशक्तिकरण पहले है. एक तरह से एनडीए अटल जी की एक ओर विरासत है जो हमें जोड़े हुए है. एनडीए के निर्माण में आडवाणी जी ने भी बहुत अहम भूमिका निभाई थी और वो आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए देश के लिए समर्पित है. एनडीए की विचारधारा है देश को विकसित बनाना है. लोगों की सुरक्षा का एहसासा दिलाना, एनडीए का लक्ष्य है. एनडीए के 25 वर्षों की इस यात्रा के साथ एक और संयोग जुड़ा है. उन्होंने कहा कि ये वह समय है, जब हमारा देश आने वाले 25 वर्षों में एक बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कदम बढ़ा रहा है. ये लक्ष्य विकसित और आत्मनिर्भर भारत का है. एनडीए किसी पार्टी के विरोध में नहीं बना है. इसका गठन देश में स्थिरता लाने के लिए किया गया था. जब किसी देश में स्थिर सरकार होती है, तो देश एक साहसिक निर्णय लेता है जो देश की दिशा बदल देता है.

सऊदी क्राउन प्रिंस ने तुर्की के राष्ट्रपति को खुद कार ड्राइव करके उन्हें उनके आवास पर पहुंचाया

0

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब के दौरे पर पहुंचे तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को जेद्दा स्थित उनके आवास तक खुद कार ड्राइव कर छोड़ने गए.

अरब मीडिया के मुताबिक, जेद्दा के सलाम पैलेस में बैठक के बाद सऊदी क्राउन प्रिंस तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को उनके आवास तक खुद कार ड्राइव कर ले गए.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों और अन्य मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई. अरब मीडिया के मुताबिक, दोनों देशों के बीच ऊर्जा, रक्षा और निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

सऊदी मीडिया के मुताबिक, रेसेप तैयप एर्दोआन ने सऊदी किंग सलमान और क्राउन प्रिंस दोनों को 2 तुर्की इलेक्ट्रिक कारें गिफ्ट की हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की के राष्ट्रपति सऊदी अरब से कतर रवाना हुए जहां दोहा में कतरी शासक शैख तमीम बिन हमद अल सानी ने उनका स्वागत किया, यहां भी टर्किश राष्ट्रपति ने शैख तमीम को तुर्की में बनी विशेष इलेक्ट्रिक कार भेंट की, दोहा से राष्ट्रपति एर्दोआन संयुक्त अरब अमीरात का भी दौरा करेंगे.

2024 में होगा ‘NDA’ बनाम ‘INDIA’ के बीच मुकाबला, विपक्ष ने नाम के साथ अब मुंबई में बैठक का किया एलान

0

साल 2024 के चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी अपनी बिसात बिछाने में जुटे हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाला NDA जहां अपने गुट को बड़ा बनाने के मकसद से दिल्ली में महाजुटान में लगा है तो वहीं कांग्रेस नेतृत्व UPA विपक्ष बंगलुरू में एनडीए को मात देने के लिए अपने गठबंधन द्वारा रणनीति बनाने में व्यस्त है, उधर विपक्षी दलों की बेंगलुरु में चल रही बैठक में गठबंधन का नाम तय कर लिया है. बैठक में तय हुआ है कि अब उनके गठबंधन का नाम ‘INDIA’ होगा. कांग्रेस के नेतृत्व वाला यह विपक्षी गुट पहले UPA के नाम से जाना जाता था. अब विपक्षी दलों यह गठबंधन ‘INDIA’ के नाम से जाना जाएगा.

17 जुलाई को बैठक का पहला दिन एक अनौपचारिक दिन था, जिसमें चर्चा के बाद डिनर का आयोजन हुआ था. इसके बाद मंगलवार को औपचारिक बैठक हुई, जिसमें गठबंधन के नाम पर चर्चा के बाद नाम पर मुहर लग गई. बीती रात की बैठक में सभी दलों से नाम सुझाने के लिए कहा गया था और आज की बैठक के दौरान इन पर चर्चा की गई और आम सहमति से ‘INDIA’ नाम रखा गया. ऐसे में विपक्षी गठबंधन ‘India’ के सामने अब सीट बटवारे के साथ साथ बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में सरकार को एकजुट होकर घेरने पर मजबूत रणनीति पर भी विचार विमर्श हुआ.

इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि विपक्ष की अगली बैठक मुंबई में होगी, तारीख का एलान जल्द ही कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही 11 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया जायेगा और समिति के सदस्यों के नामों का एलान भी मुंबई की बैठक में किया जायेगा. खरगे ने कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार के प्रबंधन के लिए दिल्ली में साझा सचिवालय बनाया जाएगा. देश और देश के लोगों को बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके लिए हमने आपसी मतभेदों को पीछे रखने का फैसला किया है.

 

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि एनडीए ने 30 दलों के साथ बैठक की है. मैंने भारत में इतनी पार्टियों के बारे में नहीं सुना था. पहले उन्होंने कोई बैठक नहीं की लेकिन अब वो एक-एक करके (एनडीए दलों के साथ) बैठक कर रहे हैं. पीएम मोदी अब विपक्षी दलों से डर रहे हैं. हम यहां लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए जमा हुए हैं.

इससे पहले विपक्ष की बैठक पर पीएम मोदी ने हमला बोलते हुए कहा, ‘इन लोगों को भ्रष्टाचार से इन लोग को बहुत प्रेम है. ये लोग परिवारवाद के समर्थक है. ये लोग परिवार प्रथम के लिए काम करते है. परिवारवादी पार्टी ने देश का विकास नहीं किया. बंगाल के पंचायत चुनाव में हिंसा हुई लकिन इन पार्टियों ने कुछ नहीं बोला. शराब घोटाले पर भी ये पार्टियां कुछ नहीं बोलती है.’ बता दें कि अशोक होटल में आयोजित एनडीए की बैठक के बाद मंगलवार की शाम को बैठक में शामिल सभी नेताओं और दलों के लिए डिनर का आयोजन किया गया था.

“यूसीसी” भारत की विविधता में एकता को नुकसान पहुंचा सकता है: जमाअत-ए-इस्लामी-हिंद

0

नई दिल्ली, 16 जुलाई. “हमारा मानना है कि भारत जैसे बहु-धार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश में आस्था-आधारित और प्रथागत प्रथाओं को निकालकर समान नागरिक संहिता लागू करना न केवल अवांछनीय होगा, बल्कि समाज के ताने-बाने और एकजुटता के लिए भी खतरा पैदा करेगा. भारत के सबसे बड़े मुस्लिम संगठनों में से एक जमाअत-ए-इस्लामी-हिंद विधि आयोग से अपील करती है कि वह अपने पिछले रुख को बरकरार रखे और भारत सरकार को सिफारिश करे कि उसे व्यक्तिगत कानूनों में हस्तक्षेप करने के किसी भी भ्रामक प्रयास से बचना चाहिए. समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में ध्रुवीकरण के लिए तड़ित–चालक बनने की क्षमता है, और परामर्श का समय और प्रकृति पूरी कवायद के पीछे की मंशा पर अतिरिक्त आशंका पैदा करते हैं. इस परिवेश में, समान नागरिक संहिता की अवधारणा पर जनता की राय मांगने के 14 जून 2023 के सार्वजनिक नोटिस के जवाब में जमाअत-ए-इस्लामी-हिंद ने भारत के विधि आयोग को अपना विचार प्रस्तुत किया है. हालिया परामर्श-पत्र भ्रमित करने वाला है, विशेष रूप से इस तथ्य के प्रकाश में कि 21वें विधि आयोग ने 2016 और 2018 के बीच समान अमल किया था और अपने परामर्श पत्र में सिफारिश की थी कि भारत की विविधता और बहुलवाद के सम्मान के मौलिक मूल्य सन्दर्भ में यूसीसी “न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय”.

“आरंभिक तौर पर हमें लगता है कि समान नागरिक संहिता का अर्थ और तात्पर्य अनिश्चित और अस्पष्ट है. ऐसी कई आसन्न अनियमितताएं हैं जो इस कार्य को जटिल बनाती हैं और एक निष्पक्ष और व्यापक राय प्रदान करना लगभग असंभव है. इसके अलावा, एकरूपता का विचार भारत की विविध और बहुलवादी सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के साथ-साथ ‘अनेकता में एकता’ के संवैधानिक लोकाचार का विरोधाभास है. इसलिए, अनुच्छेद 44 में निहित निर्देशक सिद्धांत को लागू करने का कोई भी तरीका यदि अनुच्छेद 25 या अनुच्छेद 29 के तहत नागरिक के अधिकारों के साथ टकराव करता है तो यह संविधान के अधिकार क्षेत्र के बाहर होगा. जहां तक मुस्लिम पर्सनल लॉ का प्रश्न है, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संबंधित मामलों में इस्लामी कानून का पालन करना मुसलमानों द्वारा एक धार्मिक दायित्व माना जाता है, और उनके धर्म के ‘अमल’ का एक अनिवार्य पहलू माना जाता है, जो संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा संरक्षित है. हमारा दृढ़ विश्वास है कि इस तरह का हस्तक्षेप संभावित रूप से भारत की विविधता में एकता को नुकसान पहुंचा सकता है. ये बातें जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहीं गयी हैं.

संविधान बचाने के लिए हमें अपना फ़र्ज़ निभाना ही होगा. IMCR सम्मेलन में बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद

0

आजमगढ़/यूपी: संविधान और लोगों को हासिल अधिकारों को लेकर यूपी के जनपद आजमगढ़ में इंडियन मुस्लिम सिविल राइट के नेतृत्व में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों, मुस्लिम सिविल राइटस और यूसीसी समेत विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई.

अधिवेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी मौजूद रहे. पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने यूसीसी को लेकर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की, उन्होंने कहा कि यह समय यूसीसी पर बात करने का नहीं है. अज़ीज़ कुरैशी ने कहा कि अपने अधिकारों को जानिए और उसे बचाने के लिए संघर्ष कीजिए.

आईएमसीआर द्वारा आयोजित इस अधिवेशन में मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि मोदी सरकार देश में यूसीसी लाना चाहती है, मगर इसका ड्राफ्ट क्या है? कैसे लागू किया जाएगा? इसको लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है, इसलिए हमारी पार्टी (कांग्रेस) ने तय किया है कि ड्राफ्ट को देखा जाए फिर कोई बात कही जाए. उन्होंने कहा कि आजमगढ़ आ कर हमें बहुत अच्छा लगा.

केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने देश की आजादी की जब लड़ाई लड़ी थी, उस समय उन्होंने भारत को लेकर एक परिकल्पना की थी एक बगीजा होगा, जिसमें हर रंग का फूल होगा और उसको हम अपना मानेंगे, लेकिन आज उसको परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है कि एक ही रंग का फूल हो, जिसे हम स्वीकार नहीं करेंगे. हम मजबूती के लिए लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं. संविधान को बचाने के लिए हम सब को जागरूक होना होगा और अपने दायित्व का निर्वहन करना होगा.

राहुल गांधी के मामले को लेकर सलमान खुर्शीद ने कहा हम लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. राहुल गांधी आज किसानों, ट्रक वालों और स्कूली बच्चों से मिल रहे हैं इसमें बुराई क्या है, विपक्ष के लोग भी करें. वहीं ट्रिपल तलाक के मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि तलाक न भी हो तब भी अत्याचार नहीं होना चाहिए.

आईएमसीआर के अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद मुहम्मद अदीब ने बढ़ती नफरत का जिक्र करते हुए कहा कि आज हमसे पूछा जा रहा है कि तुम खा किया रहे हो, सड़कों पर हमसे पूछा जाता है कि तुम बताओ देश भक्त हो की नहीं, यह एहसास हमे परेशान करता रहा और मैं परेशान होता रहा, यह वो वक्त नहीं रहा जिसका सपना हमने देखा था, जिसके लिए अपनी जिंदगी कुर्बान की थी.

मुहम्मद अदीब ने कहा मेरे खानदान और आपके परिवार ने अपने परिवार को बांटा था, मैं समझ नहीं पाया कि हमने जिन्ना को ठुकरा कर कोई गुनाह किया. सांझी विरासत को अपनाया क्या जुर्म किया. एक माहौल तैयार होना शुरू हुआ. हमने महसूस किया या तो हमारी कौम डर गई या उसने सियासी पार्टियों की जूतियां उठाना शुरू कर दिया. यह देश रोज़ रोज़ टूटता रहा, फिर यह फिक्र हुई देश कौन बचाएगा, क्योंकि यह कहा जाने लगा कि जो मियां को ठीक करेगा वही देश चलाएगा, उस समय हम सब लोग बैठे और मिलकर आगे बढ़ने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि जो कौमें मुस्तकबिल का खाका नहीं बनाती वो ज़वाल की उस सतह पर खड़ी होती हैं जहां आज हम खड़े हैं.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व योजना आयोग की सदस्य सैय्यदा सय्येदैन हमीद ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा हालात को बदलने के लिए अब महिलाओं को आगे आना होगा, जितनी संख्या में यहां महिलाएं हैं यह संख्या काफी कम है, उन्होंने कहा आजमगढ़ आकर हमे बहुत अच्छा लगा. कार्यक्रम में सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद अज़ीज़ पाशा भी मौजूद रहे, अपने संबोधन में उन्होंने कहा इस समय दस्तूरे हिंद को तोड़ा जा रहा है और जनता के अधिकारों का खुले आम हनन हो रहा है, हमें अपने अधिकारों को जानते हुए दस्तुरे हिंद को बचाना होगा.

कार्यक्रम को बीएसपी के वरिष्ठ नेता शाह आलम (गुडु जमाली), सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील जेड के फैजान, सपा नेता इरम रब्बानी, ए.एम.यू छात्र संघ के पूर्व सचिव अबरार अहमद चीकू, आईएमसीआर के सचिव मसूद हुसैन, पूर्व विधायक हाफिज इरशाद अहमद, वरिष्ठ गांधीयन और आईआईटी दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर वीके त्रिपाठी समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संबोधित किया. अधिवेशन का शुभारंभ करते हुए आईएमसी आरके राष्ट्रीय संगठन महासचिव और अधिवेशन के संयोजक ए.एम.यू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आज़म बेग ने अधिवेशन में बड़ी संख्या में मौजूद सभी वर्गों के प्रतिनिधियों, शिक्षक गणों, शिक्षाविदों एवं बुद्धिजीवियों से संविधान को बचाने के लिए आगे आकर नेतृत्व करने का आह्वान किया.

अनिरुद्ध यादव उर्फ पप्पू यादव ने धन्यवाद अर्पित किया. कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र कुरान की तिलावत से जामा मस्जिद आजमगढ़ के इमाम मौलाना इंतखाब आलम कासमी ने किया. समापन जमीया तुल फलाह के शैखुल हदीस मौलाना इजहार अहमद मदनी,फलाही की दुआ पर हुआ. कार्यक्रम में जनपद और उसके आस पास से बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.

एससीओ बैठक: ईरान की सदस्यता को मिलेगी औपचारिक मंजूरी

0

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का कहना है कि 4 जुलाई को प्रस्तावित बैठक में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में ईरान की सदस्यता को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी जाएगी.

इसकी घोषणा रूसी विदेश मंत्रीसर्गेई लावरो ने मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन केंद्र के उद्घाटन समारोह में अपने भाषण के दौरान किया.

उन्होंने कहा कि संगठन में शामिल होने के लिए बेलारूस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसके माध्यम से वह बाद में एससीओ का स्थायी सदस्य बन जाएगा.

रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि एससीओ यूरोप से लेकर मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया तक नए वार्ता साझेदारों का स्वागत करेगा.

याद रहे कि कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, चीन, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने जून 2001 में एससीओ के गठन के लिए एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, अब इस संगठन में पाकिस्तान और भारत भी शामिल हैं.