Sunday, December 22, 2024
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EC ने शिंदे गुट को माना असली शिवसेना, पार्टी का सिंबल और नाम सौंपा, उद्धव ने शिंदे को बताया चोर, जाएंगे SC

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका देते हुए शिवसेना का नाम और सिंबल शिंदे गुट को दे दिया है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने आदेश जारी किया है कि शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न “धनुष और बाण” एकनाथ शिंदे गुट के पास ही रहेगा. चुनाव आयोग के इस फैसले का शिंदे गुट ने स्वागत किया तो ठाकरे गुट ने आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.

उद्धव ठाकरे ने न सिर्फ चुनाव आयोग पर बल्कि एकनाथ शिंदे पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘पार्टी किसकी है, किसके साथ जाएगी, अगर ये चुनकर आए विधायकों की संख्या पर ही तय होगा तो पार्टी संगठन का क्या मतलब है?’

उद्धव ने कहा, ‘कुछ लोगों को राज मान्यता का मिलना, ये उनके लिए बड़ी बात होगी, लेकिन चोर चोर ही होता है.’ उन्होंने कहा कि ‘मैं लगातार चुनौती दे रहा हूं कि अगर हिम्मत है तो चुनाव लड़िए, सामने मैदान में आइए, लेकिन जिनकी खुद की हिम्मत नहीं वो कैसे जीत सकता है?’

उन्होंने कहा, ‘आज का निर्णय देखकर यह लग रहा है कि आने वाले एक से दो महीने में मुंबई महानगर निगम चुनाव की घोषणा हो सकती है. इस निर्णय से प्रतीत होता है कि दिल्ली के सामने मुंबई और महाराष्ट्र झुके’

इस बीच उद्धव गुट के नेता और सांसद संजय राउत ने चुनाव आयोग के इस फ़ैसले को खरीदा हुआ फ़ैसला करार दिया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “ये न्याय नहीं है, जैसे महाराष्ट्र की ये जो सरकार बनी है उसे कहा जाता है कि ये खोटी सरकार है. करोड़ों रुपये ऊपर से नीचे तक पानी की तरह बहाया गया है. वो पानी कहां तक पहुंचा है वो आज सबने देखा.” उन्होंने कहा कि “लेकिन हमें फ्रिक करने की ज़रूरत नहीं है, जनता हमारे साथ है. हम नया चिन्ह लेकर जाएंगे और जनता के दरबार में इसी शिवसेना को खड़ा करके दिखाएंगे.”

उधर बाला साहब मेमोरियल पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए चुनाव आयोग द्वारा दिए गए इस फ़ैसले को सत्य की जीत बताया है. उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग का बहुत-बहुत शुक्रिया. ये सत्य की जीत है. हमारे विचारों से लोग जुड़ रहे हैं. ये बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे के विचारों की जीत है.” सीएम शिंदे ने कहा कि यह बालासाहेब ठाकरे का हम पर आशीर्वाद भी है. हमारी शिवसेना वास्तविक है. उन्होंने कहा कि हमने बालासाहेब के विचारों को ध्यान में रखते हुए पिछले साल महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई.

महाराष्ट्र सरकार के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अब यह साबित हो गया है कि एकनाथ शिंदे वास्तविक शिवसेना का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला गुण-दोष के आधार पर किया गया है. इस बीच मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी ट्वीट किया है. उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले के बाद बाला साहेब ठाकरे का ऑडियो शेयर किया. जिसमें वह कह रहे हैं कि पैसा गया तो फिर कमा लिया जाएगा.

पिछले साल उद्धव सरकार के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे ने पार्टी से बगावत कर दी थी, और शिवसेना के 55 विधायकों में से 39 विधायकों को लेकर अलग हो गए थे. फिर कई रोज तक चले नाटक के बाद बड़ा उलट फेर करते हुए शिंदे गुट ने बीजेपी के सहयोग उद्धव के नेतृत्व वाली आघाड़ी सरकार को गिरा कर शिंदे ने नई सरकार का गठन कर लिया था. लेकिन नाम गया तो फिर कभी वापस नहीं आएगा.राज ठाकरे ने ऑडियो ट्वीट किया और लिखा, “बालासाहेब द्वारा दिया गया ‘शिवसेना’ का विचार कितना सही था, आज हम एक बार फिर जानते हैं…”

इसके बाद सीएम शिंदे ने असली शिवसेना पार्टी होने का दावा किया था और उद्धव ठाकरे ने भी असली शिवसेना होने का दावा किया था. विवाद बढ़ा तो ये मामला चुनाव आयोग के पास गया. आयोग को ये तय करना था कि आखिर कौन सा गुट आधिकारिक रूप से असली शिवसेना होगा. अब चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में फ़ैसला सुना दिया है और पार्टी का नाम और सिंबल शिंदे गुट को सौंप दिया है.

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी है. उन्हें पार्टी का आधिकारिक चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’और ‘शिवसेना’ नाम का इस्तेमाल करने की अनुमति मिली है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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