टीम इंडिया ने टी-20 वर्ल्ड कप में लगातार दूसरा मुकाबला जीत लिया है। भारत ने गुरुवार को सिडनी में खेले गए मैच में नीदरलैंड को 56 रन से हराया। अब भारतीय टीम 4 पॉइंट्स के साथ ग्रुप-2 में पहले स्थान पर पहुंच गई है।
इस मैच में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और पावर-प्ले में सिर्फ 38 रन बने थे। इसके बाद कुल चार फैक्टर ऐसे रहे जिनकी बदौलत हमने आसान जीत हासिल कर ली। चलिए सभी कारणों को एक-एक कर जानते हैं।
इस वर्ल्ड कप में भारतीय बैटिंग लाइन अप को टूर्नामेंट में सबसे दमदार कहा जा रहा है। इसके बावजूद भारतीय बल्लेबाज शुरुआती 10 ओवर तक खुल कर नहीं खेल पाए। आधी पारी समाप्त होने के बाद टीम इंडिया का स्कोर 67/1 था। लेकिन, इसके बाद डच टीम ने मैच पर अपनी पकड़ गंवा दी।
बड़े मैच खेलने की नीदरलैंड की अनुभहीनता टीम पर भारी पड़ गई। इससे पहले नीदरलैंड ने टीम इंडिया के खिलाफ कोई टी-20 मैच नहीं खेला था। टेस्ट खेलने वाले 12 देशों के खिलाफ नीदरलैंड ने अब तक सिर्फ 36 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले थे। इनमें से 21 मुकाबले आयरलैंड, अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे जैसी हल्की टीमों के खिलाफ हैं।
भारत ने पूरे 20 ओवर में सिर्फ दो विकेट गंवाए और इस वजह से आखिरी ओवर्स में टीम ने एक्सिलरेट करने में कामयाबी हासिल की। आखिरी 10 ओवर में भारत ने करीब 11 के रन रेट से स्कोरिंग की।
भारतीय ओपनर केएल राहुल लगातार दूसरे मैच में फ्लॉप रहे और 12 गेंद में 9 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन इसके बाद भारत की ओर से लगातार दो अच्छी पार्टनरशिप हुईं। कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली ने दूसरे विकेट के लिए 56 गेंदों में 73 रन जोड़े। इस पार्टनरशिप ने बेस तैयार किया जिसका फायदा विराट और सूर्यकुमार यादव की जोड़ी ने उठाया। इन दोनों ने 48 गेंद में 95 रन की पार्टनरशिप की।
12वें ओवर की आखिरी गेंद पर कप्तान रोहित शर्मा आउट हुए। स्कोर दो विकेट पर महज 84 रन था। पिच धीमी थी और स्ट्रोक प्ले आसान नहीं था। अगर बल्लेबाज पैनिक करते तो मुमकिन था कि यहां से स्थिति और खराब हो जाती, लेकिन विराट के संयम और सूर्या के तूफान ने भारत का काम आसान कर दिया। विराट ने तय किया कि एक छोर से विकेट न गिरे। वहीं, सूर्या ने टीम के रन रेट को बढ़ाने का काम किया। विराट ने इस इनिंग्स में 140 के स्ट्राइक रेट से बैटिंग की तो सूर्या ने 204 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए।
भारत ने 179 रन का स्कोर जरूर बनाया, लेकिन टी-20 क्रिकेट में आजकल ऐसा टोटल एवरेज ही माना जाता है। ऐसे में जरूरी था कि भारतीय गेंदबाज नीदरलैंड को अच्छी शुरुआत न करने दें। यह जिम्मेदारी संभाली स्विंग गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने। उन्होंने अपने पहले दो ओवर मेडन डाले और एक विकेट भी झटका। इसका असर यह हुआ कि डच बल्लेबाज पैनिक कर गए और शॉट खेलने के चक्कर में आगे एक के बाद एक विकेट गंवाते चले गए।