Thursday, November 21, 2024
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लालू प्रसाद यादव के ख़ास रहे अखिलेश प्रसाद सिंह बिहार कांग्रेस के नए अध्यक्ष

बिहार में अपना सबकुछ खो चुकी कांग्रेस ने बिहार में पार्टी के राज्य सभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह पर भरोसा जताया है. अब बिहार की कमान अखिलेश प्रसाद सिंह को दी गई है. प्रसाद एक समय राजद नेता लालू प्रसाद के ख़ास रहे हैं. पार्टी अब बिहार में आगामी लोक सभा चुनाव और विधान सभा चुनाव अखिलेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में ही लड़ेगी. भूमिहार समाज से आने वाले अखिलेश प्रसाद सिंह पार्टी को कितना मजबूत कर पाते हैं, इसे देखना होगा. माना जा रहा है कि अखिलेश के हाथ में पार्टी की कमान सौप कर कांग्रेस अपने परंपरागत वोट को वापस लाना चाहती है. पार्टी के नए अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने की है और महागठबंधन में रहकर कांग्रेस के लिए जातीय समीकरण को साधने की है.

5 जनवरी 1962 को बिहार के अरवल में पैदा हुए अखिलेश प्रसाद सिंह 2000 से 2004 तक अरवल से बिहार विधानसभा के सदस्य हुआ करते थे. तब बिहार में लालू प्रसाद की सरकार थी.अखिलेश प्रसाद सिंह लालू प्रसाद की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं. इसके बाद वो लोकसभा के सदस्य चुने गए और केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार में आरजेडी कोटे से राज्य मंत्री बने. लेकिन, लालू प्रसाद से अनबन होने के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह आरजेडी छोड़कर कांग्रेस के साथ चले गए. कांग्रेस की टिकट पर अखिलेश प्रसाद सिंह तीन दफा चुनाव लड़े. लेकिन, वो कोई चुनाव जीत नहीं सके.

जाहिर है अब प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह पर 2024 लोकसभा चुनाव और वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन की बड़ी चुनौती होगी. इसके अलावा ट्रेडिशनल वोटरों को फिर से कांग्रेस की ओर आकर्षित करने की जिम्मेदारी भी होगी. बताते चलें कि बिहार के भूमिहार इन दिनों बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. वो बिहार में विकल्प की तलाश कर रहे हैं.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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