दिन राहुल गांधी ने कुकी बाहुल्य इलाकों से यात्रा निकाल कर दूरियां मिटाने की कोशिश की। राहुल गांधी दोनों समुदाय के लोगों से अलग-अलग मिले। सुबह की खबर में जिस जगह से राहुल गांधी ने अपनी यात्रा की शुरुआत की है 2 जनवरी को यहां हिंसा में चार लोग मारे गए थे। उसके बाद भी कई जगह से हिंसा की खबरें आई हैं। राहुल गांधी ने दोनों समुदायों से के बीच संवाद स्थापित करने की कोशिश की है। इससे ये संदेश गया है कि देश के प्रधानमंत्री को मणिपुर के लोगों की चिंता नहीं है लेकिन राहुल गांधी को चिंता है।
महिलाओं के सम्मान पर खास जोर
राहुल गांधी ने महिलाओं के सम्मान पर खास जोर दिया है। यही वजह है कि राहुल गांधी के यात्रा और को देखने करने महिलाएं बड़ी संख्या में आ रही है।
सोमवार को राहुल गांधी आदिवासी महिलाओं के निर्वस्त्र घुमाने वाले कांगपोकपी जिले से गुजरे। उसे जगह पहुंचकर महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए न्याय योद्धा बनने की अपील की जहां महिलाओं को निर्वस्त्र करके घूमने की शर्मनाक घटना हुई थी। यहां राहुल से मिलने बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची। राहुल गांधी महिलाओं को न्याय दिलाने की बात कर रहे थे तो कोई महिलाओं को भावुक होते हुए देखा गया। इस दौरान महिलाओं ने उन्हें न्याय दिलाने के साथ बेरोजगारी, पिछड़ेपन और महंगाई की समस्या से भी रुबरु कराया। राहुल ने कहा कि वह मणिपुर के लोगों के दर्द को महसूस कर सकते हैं। मणिपुर की जनता ने एक त्रासदी का सामना किया है। कांग्रेस फिर से शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण बनाना चाहती है।
निशाने पर पीएम मोदी
अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर रखा है। लगभग हर जगह उन्होंने यह सवाल उठाया कि नरेंद्र मोदी मणिपुर क्यों नहीं आ रहे। सोमवार को कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश और एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार ने भी मणिपुर मैं पिछले 8 महीने से चल रही हिंसा पर नरेंद्र मोदी की चुप्पी और उनके मणिपुर नहीं आने को लेकर जमकर हमला बोला। सामने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया। कन्हैया कुमार पीएम मोदी पर ज्यादा आक्रामक दिखे उन्होंने दो टूक कहा कि वोटो के समीकरण के चलते नरेंद्र मोदी मणिपुर आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। उन्होंने सवाल उठाया कि नरेंद्र मोदी के पास एसपीजी सुरक्षा है, हजारों करोड़ों का विमान है। बावजूद अगर वह मणिपुर नहीं आ रहे तो इसीलिए के वह यहां के लोगों की नाराजगी का सामना मत नहीं जुटा पा रहे।नं यही वजह है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वह मिजोरम भी नहीं जा पाए थे।
राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत सोमवार को मणिपुर के सेकमाई से हुई। यहां से यात्रा इंफाल वेस्ट होते हुए कांगपोकपी पहुंची। इस दौरान सडक़ के दोनों किनारों पर हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लिए महिलाएं, युवतियों और स्टूडेंट्स का हुजूम जमा था। कई के हाथ में बैनर और ज्ञापन भी थे। इस दौरान राहुल ने महिलाओं और अन्य लोगों से उनकी समस्याएं जानी। इससे पहले न्याय यात्रा की शुरुआत पारंपरिक रूप से किए गए झंडारोहण से हुई। शाम को यह यात्रा पांच जिलों से होती हुई 257 किलोमीटर का सफर तय करती हुई मणिपुर-नागालेंड सीमा पर स्थित मऊ गेट पर समाप्त हुई। मणिपुर से यात्रा के गुजरने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि मणिपुर में जातीय विभाजन की खाई को पाटने में यह यात्रा कितनी मददगार साबित होगी?