Thursday, November 21, 2024
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राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाली को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती, बहाली अधिसूचना रद्द करने की मांग

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाली को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. वकील अशोक पांडे की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि एक बार संसद या विधानसभा के सदस्य पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) के अंतर्गत अगर कानून के तहत कार्रवाई कर दी जाए तो वह तब तक अयोग्य ही रहेगा जब तक कि वह किसी बड़ी अदालत उसे आरोपों से बरी न कर दे. याचिका में यह भी मांग की गई कि कोर्ट को चुनाव आयोग को वायनाड सीट पर फिर से चुनाव कराने का निर्देश देना चाहिए.

याद रहे कि ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी मामले में चार अगस्त को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी. सर्वोच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश जारी कर उनकी सजा पर रोक लगा दिया था. जिसके के बाद सात अगस्त को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी बहाल कर दी थी.

गौरतलब है कि ‘मोदी सरनेम’ को लेकर साल 2019 में राहुल गांधी ने एक टिप्पणी की थी, जिसके चलते उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर हुआ था. इस मामले में सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को दोषी माना और उन्हें दो साल की सजा सुनाई. दो साल की सजा मिलने के चलते जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधान के तहत राहुल गांधी को 24 मार्च 2023 को संसद सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया. हालांकि सजा के खिलाफ राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने भी राहुल गांधी की सजा बरकरार रखा था, जिसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. जहां सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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