अखिलेश अखिल
राष्ट्रपति चुनाव में इस बार बीजेपी को सबसे ज्यादा बंगाल का टेंशन सता रहा है. बीजेपी को लग रहा है कि अगर बंगाल में क्रॉस वोटिंग हो गई तो पार्टी उम्मीदवार को जीत दिला पाने में परेशानी होगी. लेकिन सबसे बड़ी बात तो कि सब कुछ जानते हुए भी बीजेपी वहाँ अभी कुछ भी कर पाने में सफल नहीं हो रही है. बंगाल में बीजेपी के भीतर पार्टी छोड़ने की होड़ लगी हुई है और लगातार बीजेपी के नेता टीएमसी में जा रहे हैं. खबर के मुताबिक कई और बीजेपी विधायक टीएमसी में जाने को तैयार है और ऐसा चलता रहा तो राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की परेशानी बढ़ सकती है.
पिछले दिनों ही कद्दावर नेता और सांसद अर्जुन सिंह ने पार्टी छोड़ दी थी. अब हाईकमान को प्रेसिडेंट इलेक्शन में विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने का डर सता रहा है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी के कई विधायक आगामी चुनाव में ममता बनर्जी के समर्थन वाले कैंडिडेट को वोट कर सकते हैं. हालांकि बीजेपी किसी भी सूरत में क्रॉस वोटिंग को रोकने का प्रयास तो कर रही है लेकिन पार्टी के भीतर नेताओं का जो रुख है उसे भी बीजेपी समझ रही है. ऐसे में साफ़ लग रहा है कि पार्टी को बंगाल ने टेंशन में डाल दिया है.
बता दें कि बंगाल में जून 2021 से अब तक यानी 11 महीने में 7 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं. इनमें मुकुल रॉय, विश्वजीत दास जैसे दिग्गज नेताओं का नाम भी शामिल हैं. इसके अलावा, 2 सांसद बाबुल सुप्रियो और अर्जुन सिंह भी पार्टी को अलविदा कह चुके हैं. सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में अर्जुन सिंह के बेटे पवन सिंह भी पार्टी छोड़ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. ऐसा हुआ तो बीजेपी को एक बड़ा झटका और भी लगेगा.
गौरतलब है कि बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष भी लगातार हाईकमान के खिलाफ मुखर हैं. शुक्रवार को एक इंटरव्यू में दिलीप घोष ने पार्टी हाईकमान को नसीहत देते हुए कहा है कि बंगाल के बजाय अगर दिल्ली से पार्टी चलाई गई, तो बर्बाद हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब तक बंगाल से चल रही थी, तब तक जिंदा थी, लेकिन जैसे ही दिल्ली से चलाया जाने लगा, वैसे ही सब कुछ बर्बाद हो गया.
बंगाल बीजेपी में मची आपसी खिंचातानी को खत्म करने के लिए बीजेपी हाईकमान भी लगातार एक्टिव है. पिछले दिनों अमित शाह के दौरे के बाद अब जेपी नड्डा का प्रोग्राम रखा गया है. नड्डा 6-7 जून के आसपास बंगाल जा सकते हैं, जहां पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे. वहीं शाह ने पिछले दिनों मीटिंग में नेताओं को ममता के संघर्ष से प्रेरणा लेने की सलाह दी थी.
2017 में भी बंगाल में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग हुई थी. उस वक्त तृणमूल के कई विधायक बीजेपी समर्थित रामनाथ कोविंद के सपोर्ट में वोट डाल दिए थे. तृणमूल ने इस चुनाव में यूपीए कैंडिडेट मीरा कुमार को सपोर्ट किया था. लेकिन इस बार क्या होगा अभी कोई नहीं जानता.