उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे को लेकर छिड़ी सियासी जंग के बीच आज से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण शुरू होगा. प्रदेश में मदरसों का सर्वे जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अपनी टीम के साथ करेंगे. इस दौरान शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
सर्वे टीम को पांच अक्टूबर तक सर्वे का काम पूरा करना होगा, और 25 अक्टूबर तक शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है. जैसा की हमने शुरूआत में बताया कि राज्य में मदरसों के सर्वे को लेकर सियासी जंग छिड़ गई है. इस क्रम में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव तो कई मौकों पर योगी सरकार का घेराव कर चुके हैं, लेकिन बीते 9 सितंबर को बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इससे तरह के कार्य से मुस्लिम समाज को अतंकित करने का योगी सरकार पर आरोप लगाया है.
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने ट्वीट कर लिखा, ‘मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित व दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के ज़माने में आम रही है, फिर भी बीजेपी द्वारा ’तुष्टीकरण’ के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद अब इनके दमन व अतंकित करने का खेल अनवरत जारी है, जो अति – दुःखद और निन्दनीय.
उन्होंने आगे लिखा, ‘इसी क्रम में अब यूपी में मदरसों पर बीजेपी सरकार की टेढ़ी नजर है. मदरसा सर्वे के नाम पर कौम के चन्दे पर चलने वाले निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप का प्रयास अनुचित जबकि सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों और सरकारी स्कूलों की बदतर हालत को सुधारने पर सरकार को ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.