अंज़रुल बारी
आजमगढ़ से सपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. पहले यह मान जा रहा था कि डिम्पल यादव को पार्टी यहाँ से उम्मीदवार बनाएगी लेकिन आखिरी समय में अखिलेश यादव ने डिम्पल की जगह अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव पर भरोसा जताया है. कहा जा रहा है कि सपा ने आजमगढ़ को जीतने के लिए अपने परिवार पर ही भरोसा जताया है. इस भरोसे का परिणाम क्या होता है इसे देखना है.
सपा ने आजमगढ़ में एक बार फिर से परिवार पर ही भरोसा जताया है. सपा ने यहां उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है. बताया जा रहा है कि अगर यहां पार्टी की हार हो जाती तो बड़ा मुश्किल हो जाता. जबकि बसपा ने सपा को फंसाने के लिए पहले ही यहां से एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने यादव उम्मीदवार के तौर पर दिनेश लाल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. जो भोजपुरी स्टार भी हैं. बता दें कि आजमगढ़ दलित, यादव और मुस्लिमों का गढ़ है. अखिलेश यादव यहाँ से 2019 में चुनाव जीते थे लेकिन विधान सभा चुनाव जीतने के बाद ये सीट अखिलेश यादव ने खाली कर दी थी. सपा परिवार के लिए यह सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी है.
हालांकि यहां पहले सपा से डिंपल यादव के उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा बहुत दिनों तक चली. लेकिन बसपा ने मुस्लिम उम्मीदवार के रूप में शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को टिकट दे दिया. जिसके बाद अखिलेश यादव ने परिवार से ही धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया है. वो पहले बदायूं से लोकसभा के सांसद हुआ करते थे, हालांकि 2019 का चुनाव वो हार गए थे. वो सोमवार को दोपहर बाद आजमगढ़ जाकर अपना नामांकन भरेंगे. बता दें कि आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार को नामांकन का आखिरी दिन है.
उधर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के इस्तीफे से खाली हुई रामपुर लोकसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव होना है. जानकारी के मुताबिक आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा को यहाँ से सपा ने मैदान में उतारने का फैसला किया है. खबर के मुताबिक फातिमा के नाम पर अंतिम मुहर अखिलेश – आजम खान के बीच हुई बातचीत और मुलाकात के बाद लगी है.
बता दें कि डॉ. तंजीम फातिमा राज्यसभा सदस्य और रामपुर शहर सीट से विधायक रह चुकीं हैं. रामपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ने बरेली-रामपुर एमएलसी सीट के पूर्व एमएलसी घनश्याम लोधी को मैदान में उतारा है.