बरेली: इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान के खिलाफ मुरादाबाद के नागफनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. दरअसल मौलाना तौकीर रजा खान ने शनिवार को मुरादाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू राष्ट्र की मांग पर सरकारों द्वारा एक्शन नहीं लिए जाने पर गंभीर सवाल उठाए थे. उन्होंने अपने भाषण में कथित तौर पर कहा था कि “खालिस्तान की मांग करने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने वाली सरकार को ‘हिंदू राष्ट्र’ की मांग करने वालों के साथ भी ऐसा ही करना चाहिए.”
मौलाना तौकीर रजा पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी कथित अभद्र टिप्पणी की थी. मुरादाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र टिप्पणी और भड़काऊ बयान देने के आरोपी तौकीर रजा के खिलाफ रविवार को केस दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि मीडिया के माध्यम से प्राप्त वीडियो के आधार पर, तौकीर रज़ा पर भारतीय दंड विधान की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 295 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 505-2 (साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काना और आपत्तिजनक टिप्पणी करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस ने बताया कि “विवादित वीडियो में तौकीर रजा नाम के शख्स ने कहा कि अगर हमारा नौजवान मुस्लिम राष्ट्र की मांग करने लगे तो क्या होगा. तौकीर रजा पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे “सबका साथ सबका विकास” को झूठा कहा है. उनपर ये भी आरोप है कि उन्होंने कहा कि कुछ कट्टरपंथी देश में नफरत के बीज बो रहे हैं. ऐसा करने वाले और उनके समर्थक न तो किसी समाज के हितैषी हैं और न ही देश के, बल्कि देश के गद्दार हैं.”
इस बीच, मौलाना तौकीर रजा ने अपने खिलाफ दर्ज FIR पर प्रतिक्रिया देते हुए बरेली में कहा कि अगर उनकी बात इतनी ही गलत है तो प्रशासन को उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो हिंदू और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करना चाहते हैं, उनकी पहचान करके उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया कि, “मोदी सरकार मुसलमानों के साथ न्याय नहीं कर रही है, मुसलमानों को मारने वालों के घरों पर भी बुलडोज़र चलाया जाना चाहिए और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इस देश में कानून सभी के लिए समान है. जब सरकार उन लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करती है जो खालिस्तान की मांग कर रहे हैं, तो हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाना चाहिए.”