Sunday, December 22, 2024
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भारत जोड़ो यात्रा : मध्यप्रदेश में आदिवासियों के हक़ को लेकर बीजेपी पर राहुल हमलावर

मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आदिवासियों के सम्मान और अधिकारों का मसला उठाते हुए आरएसएस-बीजेपी पर तीखे हमले किए. साथ ही उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी के राज में मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं. राहुल ने टंट्या मामा के नाम से मशहूर महान आदिवासी जननायक टंट्या भील की जन्मस्थली पंधाना जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उसके बाद विशाल आदिवासी सभा को संबोधित किया. इस दौरान राहुल ने आदिवासियों के तीर कमान पर हाथ भी आजमाया.

राहुल गांधी ने बीजेपी – आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, “वो आज टंट्या मामा की बात करते हैं. लेकिन टंट्या मामा को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ाया और आरएसएस ने उन्हीं अंग्रेजों की मदद की, ये पूरी दुनिया जानती है. ये सिर्फ टंट्या मामा जी के साथ ही नहीं किया गया. ये बिरसा मुंडा जी के साथ भी किया गया. इन दोनों महापुरुषों ने आदिवासियों की लड़ाई लड़ी. अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. कांग्रेस पार्टी ने हिंदुस्तान से अंग्रेजों को भगाया. लेकिन जब हम अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रहे थे. जिन्होंने आपके महापुरुषों को फांसी पर लटकाया, तब आरएसएस अंग्रेजों के साथ खड़ा था, ये बात पूरी दुनिया जानती है.”

राहुल गांधी ने बीजेपी-आरएसएस पर आदिवासियों को वनवासी कहकर उनका अपमान करने का आरोप भी लगाया. राहुल ने कहा, “नरेंद्र मोदी जी एक नया शब्द लाए हैं – वनवासी. इसका मतलब अलग है. पहला मतलब ये है कि आप देश के पहले मालिक नहीं हैं. आप सिर्फ जंगल में रहते हैं. दूसरा मतलब ये कि जंगल के बाहर आपको कोई अधिकार नहीं मिलना चाहिए. और तीसरा मतलब ये दिख रहा है कि जहां भी बीजेपी की सरकार है, जंगल उद्योगपतियों को दे रही है. जंगल काटे जा रहे हैं. धीरे-धीरे जंगल खत्म होते जा रहे हैं. जब इस देश से जंगल खत्म हो जाएंगे तो देश में आपके लिए कोई जगह नहीं बचेगी. हम आदिवासी कहते हैं, क्योंकि हम मानते हैं कि इस देश के पहले और असली मालिक आप ही हैं. वो वनवासी कहते हैं, क्योंकि वे आपके सारे अधिकार आपसे छीनना चाहते हैं और ये याद नहीं रखना चाहते कि इस देश के सबसे पहले और असली मालिक आप ही हैं.”

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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