भारत चीन के बीच बढ़ते सीमाई विवाद को लेकर वार्ता तो होती दिखती है, लेकिन चीन कई इलाकों से पीछे हटने को तैयार नहीं है. कुछ इलाकों को लेकर चीन कोई बातचीत नहीं करना चाहता. ‘द टेलीग्राफ’ ने सैन्य सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि चीन की सेना ने हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) और सामरिक देपसांग के इलाकों को लेकर बातचीत करने से इनकार कर दिया है. बता दें कि इन क्षेत्रों को लेकर दावा है कि चीनी सेना ने करीब 18 किलोमीटर भीतर तक घुसपैठ की हुई है. गौरतलब है कि सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच अभी तक 200 घंटे से अधिक की वार्ता हो चुकी है.
लद्दाख सीमा पर भारत चीन के दरमियान बनी तनावपूर्ण स्थिति के बीच चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा. बता दें कि 17 जुलाई को दोनों देशों के बीच 16वें दौर की कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता हुई थी. बीते रविवार को चुशूल मोल्दो प्वाइंट के भारतीय इलाके में सुबह 9:30 बजे शुरू हुई इस वार्ता को लेकर उम्मीद जताई जा रही थी कि इस वार्ता से हॉट स्प्रिंग क्षेत्र के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 पर सैन्य तैनाती घटाने की दिशा में प्रगति हो सकती है, लेकिन ड्रैगन ने इन क्षेत्रों पर बातचीत से करने से मना कर दिया.
16वें दौर की सैन्य वार्ता के एक दिन बाद, चीन की तरफ से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें चीनी सेना एक सैन्य अभ्यास करती दिख रही है. इस वीडियो में चीनी सेना के तीन लड़ाकू हेलिकॉप्टर उड़ान भरते हुए पैंगोंग झील पर गश्त लगाते हुए दिख रहे हैं. यह वीडियो ऐसे समय पर सामने आया है जब दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर पर 16वें दौर की वार्ता में गतिरोध को लेकर कोई सफलता नहीं मिल पाई है.
16वें दौर की वार्ता को लेकर उम्मीद जताई जा रही थी कि सभी संघर्ष वाले प्वाइंट पर जल्द से जल्द सैनिकों को हटाने पर दबाव बनेगा, लेकिन चीन ने डेमचोक और देपसांग पर बातचीत करने से ही मना कर दिया. ऐसे में यह वार्ता भी बेनतीजा साबित हुई. हालांकि इस दौर में दोनों सेनाएं जमीन पर ‘सुरक्षा और स्थिरता’ बनाए रखने में सहमत हुए हैं.
इसके साथ ही सीमा विवाद पर आगे भी बातचीत बनाए रखने और विवादों को आपसी सहमति से हल करने पर सहमति बनी है. गौरतलब है कि 16वें दौर में दोनों पक्षों के बीच करीब 12 घंटे तक वार्ता चली.
वहीं ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट का कहना है कि भारत और चीन के बीच पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से सेना हटाने पर सहमति बनी है, लेकिन चीन अन्य विवादित स्थानों पर बात नहीं करना चाहता. उसने दावा किया है कि ये दोनों ही जगहें वर्तमान गतिरोध का हिस्सा नहीं हैं.
अंग्रेजी अखबार ‘टेलीग्राफ’ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के हवाले से बताया कि रविवार को हुई वार्ता के दौरान चीनी पक्ष ने 1959 के एलएसी लाइन के दावे को दोहराया. अधिकारी ने कहा कि चीन अपनी शर्तों पर समस्या का हल निकालना चाहता है. क्योंकि उनके सैनिक पहले से ही कई क्षेत्रों में भारतीय सीमा के अंदर हैं.
भारतीय पक्ष ने चीन के 1959 वाले दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि उसने तथाकथित एकतरफा बनाए गये 1959 एलएसी लाइन को कभी स्वीकार नहीं किया है.