फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के तीसरे क्वार्टर फ़ाइनल मुकाबले में विश्व कप की मजबूत दावेदार समझी जा रहे पुर्तगाल को हराकर अफ्रीकी अरब देश मोरक्को ने इतिहास रच दिया है.
फीफा विश्व कप के इतिहास में ये पहला मौका है जब एक अरब अफ्रीकी देश की कोई टीम फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में पहुंची है. बता दें कि मोरक्को दूसरा मुस्लिम देश है जो सेमीफानल में जगह पा सका है.
मोरक्को ने पहले हाफ़ के 42वें मिनट में गोल करके अपनी बढ़त बना ली थी जिसकी बराबरी पुर्तगला फुलटाइम तक नहीं कर सका. हालांकि पूरे खेल में पुर्तगाल, मोरक्को की टीम पर पूरी तरह से हावी रहा. मैच के अंतिम मिनटों में पुर्तगाल के खिलाड़ियों ने गोल करने की कई कोशिशें की लेकिन वो मोरक्को के गोलकीपर बोनो को पार नहीं पा सके.
पुर्तगाल ने पहले हाफ़ में अपने चर्चित स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो को बैंच पर बिठाए रखा. रोनाल्डो दूसरे हाफ़ में मैदान में उतरे लेकिन कोई ख़ास कमाल नहीं कर सके.
88वें मिनट में पुर्तगाल को कॉर्नर भी मिला लेकिन ये भी गोल में नहीं बदल सका. 90 मिनट का खेल पूरा होने के बाद 8 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया.
इंजरी टाइम के 6 मिनट बाकी रहते मोरक्को के वलीद चिदारा को दूसरा येलो गार्ड रेफ़री ने दिखाया और इसी के साथ मैदान में मोरक्को को सिर्फ़ दस खिलाड़ी रह गए.
रेफरी की सीटी बजते ही पुर्तगाल की टीम और फैंस में मायूसी छा गई. पुर्तगाल के स्टार खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो रोते हुए मैदान से बाहर चले गए. मोरक्को के हाथों इस हार के साथ ही रोनाल्डो का अपनी टीम को वर्ल्ड कप जिताने का सपना भी टूट गया है.
मोरक्को के सेमीफ़ाइनल में पहुंचते ही सिर्फ़ मोरक्को ही नहीं बल्कि पूरी अरब दुनिया में जश्न की लहर दौड़ गई.
जीत के बाद मोरक्को के खिलाड़ियों ने मैदान में सजदा किया और घुटनों पर बैठकर दर्शकों का अभिवादन किया.