Thursday, November 21, 2024
होमजुर्मफर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में सांसद नवनीत राणा को अदालत से झटका 

फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में सांसद नवनीत राणा को अदालत से झटका 

फर्जी जातीय प्रमाणपत्र के जरिए चुनाव लड़ कर संसद पहुँचने वाली सांसद नवनीत राणा और उनके पिता के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत से बड़ा झटका लगा है. नवनीत राणा ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आपराधिक मामले से उन्हें बरी करने से इनकार करने वाली एक मजिस्ट्रेट अदालत के खिलाफ सत्र अदालत पहुंची थी. वही कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि नवनीत राणा पर केस चलाने के लिए पर्याप्त दस्तावेज है. स्पेशल जज आरएन रोकड़े ने मामले की सुनावी करते हुए राणा और उनके पिता को मामले में कोई राहत नहीं दी है.

गौरतलब है कि सांसद नवनीत राणा पर आरोप है कि जिस सीट से वह चुनी गई हैं, वह अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी साल 2021 में अमरावती सांसद को जारी किए गए जाति प्रमाण पत्र को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके प्राप्त किया गया था.

इस मामले को लेकर शिवसेना नेता और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल द्वारा दाखिल की गई याचिका में दावा किया गया था कि नवनीत राणा मूलत: पंजाब से आती हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि वह लबाना जाति से आती हैं, जो कि महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति की श्रेणी में नहीं आती हैं. ऐसे में उन्होंने फर्जी तरीके से अपना जाति का सर्टिफिकेट बनवाया. नवनीत राणा पर स्कूल के फर्जी डॉक्यूमेंट्स दिखाकर सर्टिफिकेट बनाने का भी आरोप लगा है.

ऐसे समय में सत्र न्यायालय ने उन्हें बड़ा झटका दे दिया है. अगर इस मामले में नवनीत राणा की हार होती है तो उनकी लोकसभा सीट खतरे में आ सकती है.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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