अखिलेश अखिल
अगर सब कुछ निर्धारित रणनीति के तहत चला तो आगामी 18 से 25 जनवरी के बीच मोदी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल हो सकता है, जिसमे कई नेताओं की हैसियत बढ़ेगी तो कई मंत्रियों की छुट्टी होगी. पीएमओ और बीजेपी में जिस तरह बैठकों का दौर चल रहा है, और उन बैठकों से जो संकेत मिल रहे है, उससे यही कहा जा सकता है कि कैबिनेट में बड़े स्तर पर फेरबदल की तैयारी चल रही है. इस फेर बदल में कई मंत्रियों को प्रमोट किया जाएगा, जबकि दर्जन भर से ज्यादा मंत्रियों की छुट्टी कर संगठन के काम में लगाया जाएगा.
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक आरके सिंह, धर्मेंद्र प्रधान,अनुराग ठाकुर और भूपेंद्र यादव को अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है. कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं. गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के साथ ही बिहार और महाराष्ट्र से भी कुछ लोगों को कैबिनेट में शामिल करने की तैयारी हो रही है. खबर ये भी है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ से भी नए चेहरे शामिल किए जा सकते है.
दरअसल पीएम मोदी और अमित शाह चाहते हैं कि टीम ऐसी बने, जो दस राज्यों के चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव में भी पार्टी की जीत सुनिश्चित कर सके. गुजरात के मुख्य रणनीतिकार सी.आर पाटिल को भी बड़ी जिम्मेदारी देने की बात हो रही है. गुजरात में सी. आर पाटिल ने चुनाव जीतने में जो रणनीति अपनाई थी, उसकी काफी प्रशंसा पीएम कर चुके हैं. इनके नाम की चर्चा संभावित अगले अध्यक्ष के रूप में भी की जा रही है.
मौजूदा पार्टी अध्यक्ष के पी नड्डा का कार्यकाल इसी महीने के 23 तारीख को खत्म हो जाएगा. नड्डा की सेवा को आगे बढ़ाया जाएगा या फिर नया चेहरा लाया जाएगा इस पर भी मंथन किया जा रहा है. अध्यक्ष की रेस में भूपेंद्र यादव का नाम भी शामिल है.
बीजेपी को कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से भी परेशानी हो रही है. पार्टी की समझ है कि जिस तरह से राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा को समर्थन मिल रहा है. इसके प्रभाव अगर चीन पर पड़ते हैं तो बीजेपी को परेशानी होगी. ऐसे में संगठन की चुस्त करने के लिए अब पार्टी की तैयारी सांसदों और मंत्रियों को जनता के बीच भेजने की भी है.
आम चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी 20 जनवरी से उन 436 लोकसभा सीटों पर केंद्रीय मंत्रियों की तैनाती करेगी, जहां वह पिछला चुनाव लड़ी थी. मंत्री वहां रोटेशन आधार पर तीन दिन रुकेंगे और वहां रह कर केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा करेंगे. सूत्रों का कहना है कि हर मंत्री के जिम्मे 7-8 सीटें होंगी. उन्हें केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और उसके असर की जानकारी जुटाकर रिपोर्ट बनानी होगी.
इस साल कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा में चुनाव हैं. जम्मू-कश्मीर में भी उम्मीद है. पार्टी के सामने इनमें से 6 राज्यों में सरकार बचाने की चुनौती है. ऐसे में मंत्रिमंडल में वहां के नेताओं को प्रतिनिधित्व देने पर जोर रहेगा. सरकार की ओर से साफ संकेत हैं कि नॉन परफाॅर्मिंग मंत्रियों को ड्रीम टीम में स्थान नहीं मिलेगा.