मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना नेता संजय राउत को मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने 99 दिन बाद जमानत दे दी है. ईडी ने उन्हें 31 जुलाई को 9 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. इससे पहले 28 जून को भी ईडी ने राउत से पूछताछ की थी. संजय राउत पर 1,039 करोड़ के पात्रा चॉल जमीन घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है.
संजय राउत फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. ईडी की जांच उपनगरीय गोरेगांव में चॉल या घरों के पुनर्विकास से जुड़ीं वित्तीय गड़बड़ियों, जिसमें कथित रूप से उनकी पत्नी और सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन से संबंधित है.
पात्रा चॉल के नाम से पहचाने जाने वाला सिद्धार्थ नगर उपनगरीय गोरेगांव में 47 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें 672 किरायेदार परिवार हैं. 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने एचडीआईएल की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था. जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने और म्हाडा को कुछ फ्लैट देने थे. हाती जमीन निजी डेवलपर्स को बेचने के लिए स्वतंत्र था.
हालांकि, ईडी के अनुसार पिछले 14 वर्षों में किरायेदारों को एक भी फ्लैट नहीं मिला, क्योंकि कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास नहीं किया. उसने 1,034 करोड़ रुपये में यह जमीन पार्सल और फ्लोर स्पेस इंडेक्स को बेच दी.