Sunday, December 22, 2024
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पवार का केंद्र पर हमला, कहा बेरोजगारी की वजह से युवकों को दुल्हनें नहीं मिल रही

शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने पुणे से जन जगार यात्रा की शुरुआत की है. इस यात्रा को हरी झंडी दिखते हुए पार्टी प्रमुख शरद पवार ने केंद्र सरकार पर जोड़दार हमला किया है. खासकर बेरोजगारी को लेकर देश के दिग्गज नेता शरद पवार का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने इसे लेकर केंद्र व महाराष्ट्र की बीजेपी सरकारों को आड़े हाथों लिया. राकांपा प्रमुख पवार ने पुणे में कहा कि बेरोजगारी के कारण सामाजिक समस्याएं पैदा हो रही हैं. शादी योग्य युवकों को नौकरियां नहीं होने के कारण दुल्हनें नहीं मिल रही हैं.

पुणे में राकांपा की ‘जन जगार यात्रा’ को बुधवार को हरी झंडी दिखाने से पहले पवार ने आरोप लगाया कि महंगाई व बेरोजगारी जैसे असल मुद्दों की ओर से ध्यान हटाने के लिए समुदायों के बीच दरार पैदा की जा रही है. पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि आज का युवा शिक्षित हैं और उसे नौकरी मांगने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि उद्योग महाराष्ट्र से बाहर जा रहे हैं. मौजूदा उद्योगों को कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा है, और नए व्यवसाय स्थापित करने के लिए कोई अवसर नहीं दिया जा रहा, इससे बेरोजगारी बढ़ रही है.

राकांपा नेता पवार ने अपने भाषण में कहा कि वे एक बार अपनी यात्रा के दौरान एक गांव के चौराहे पर 25 से 30 साल के 15 से 20 युवकों के बीच पहुंचे. उनसे पूछा कि उन्होंने क्या पढ़ाई की है? कुछ ने कहा कि वे स्नातक हैं तो कुछ ने कहा कि वे स्नातकोत्तर हैं. जब उनसे पूछा कि क्या वे शादीशुदा हैं, तो सभी ने ना कहा. शादी नहीं होने की वजह पूछी तो युवकों ने कहा कि कोई भी उन्हें दुल्हन देने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उनके पास कोई नौकरी नहीं है. उन्होंने कहा कि यह समस्या महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा सुनी जा रही है.

पवार ने कहा कि रोजगार को बढ़ावा देने की नीतियों अपनाने के बजाय समुदायों और धर्मों के बीच विभाजन पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है. दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने के लिए बेतरतीब ढंग से कुछ मुद्दे बनाए जाते हैं. वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि वे उन वादों को पूरा नहीं कर पाए हैं जो चुनाव के दौरान किए थे.

पवार ने कहा कि देश में भुखमरी के मुद्दे का समाधान संभव है क्योंकि किसानों ने उत्पादन बढ़ाया है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग किसानों को उचित मूल्य देने को तैयार नहीं हैं, बल्कि वे बिचौलियों के हितों की रक्षा कर रहे हैं और आम लोगों को महंगाई की खाई में धकेल रहे हैं.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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