Thursday, November 21, 2024
होमताज़ातरीनजे.एल.एन कैम्पस जयपुर में 2 दिवसीय अखिल भारतीय शैक्षणिक अधिवेशन सफलता पूर्वक...

जे.एल.एन कैम्पस जयपुर में 2 दिवसीय अखिल भारतीय शैक्षणिक अधिवेशन सफलता पूर्वक सम्पन्न

जयपुर-6, सितम्बर 2022 : लगभग 17 प्रदेशों के प्रतिनिधियो ने एकत्रित हो कर प्रभावी शिक्षा प्रणाली तथा नई शिक्षा नीति पर मंथन एवं मनन किया. एडिवेशन में 300 से अधिक शिक्षाविद, बुद्धिजीवी तथा विश्विध्यालय एवं महाविध्यालय के संचालक भी शामिल हुए.

कार्यशाला के उदघाटन के अवसर पर ऑल इंडिया एजुकेशनल मूवमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उप कुलपति मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू विश्वविध्यालय हैदराबाद, ख़्वाजा मुहम्मद शाहिद, राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व उप कुलपति प्रोफेसर फुरकान कमर, राज्यसभा सांसद श्रीमति फ़ौजिया खान, राजस्थान सरकार के पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री ए.ए खान, नवाब दुर्रु मियां और MES राजस्थान के अध्यक्ष एवं कॉन्फ़्रेन्स के संयोजक डॉ आज़म बैग ने संबोधित किया.

इस अवसर पर वक्ताओ ने नई शिक्षा नीति 2020, अल्पसंख्यक शिक्षा, संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ जैसे अहम बिन्दुओ पर चर्चा करते हुए अल्पसंख्यको के लिए शिक्षा की संभावनाओ और चुनोतियों के विषय पर प्रकाश डाला. पूर्व उप कुलपति मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद, ख़्वाजा मुहम्मद शाहिद ने 12वी आल इंडिया कॉन्फ्रेंस के जयपुर में आयोजन किए जाने  की महत्ता को बताते हुए कहा की ऑल इंडिया एजुकेशनल मूवमेंट, प्रत्येक वर्ग के हर सदस्य विशेष रूप से कमजोर और शिक्षा से वंचित समुदायो में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत है. इसी उद्येश्य की प्राप्ति के लिए मुस्लिम एजुकेशनल सोसाययटी के सहयोग से सराजस्थान के लोगो को शिक्षा से जोड़ने तथा नई शिक्षा नीति 2020 को समझने समझाने का एक प्रयास है.

प्रोफेसर श्री फुरकान कमर ने नई शिक्षा नीति की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए शैक्षणिक संस्थाओ को उसके साथ समन्वय बनाने का आग्रह किया. श्रीमति फ़ौजिया खान ने स्कूल और मदरसो की शिक्षा पर बात करते हुए नई शिक्षा नीति की गंभीरता को बताया, साथ ही उन्होने कहा की शिक्षा ग्रहण करने के लिए समुदायो को मिलकर काम करना चाहिए तथा उसके लिए धन जुटाने और सरकार की योजनाओ से लाभ उठाने की भी कोशिश करनी चाहिए. नवाब दुर्रु मियां ने नई शिक्षा नीति से लाभ उठाने पर ज़ोर दिया और कहा की किसी भी नीति के बारे में सकारात्मक रवैया रखना चाहिए.

इस अवसर पर कार्यशाला के संयोजक डॉ आजम बैग ने स्कूलों एवं शैक्षणिक संस्थाओ को चलाने में आ रही दुशवारियों एवं सरकार से मिलने वाले सहयोग का जिक्र किया. उन्होने कहा कि ये दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस राजस्थान कि जनता में चेतना पैदा करने एवं शिक्षण संस्थाओं की समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

पहला सत्र जो “शिक्षा नीति, अल्पसंख्यक शिक्षा और विकास के समान अवसर” पर आधारित था, जिसे ज्ञान विहार विश्वविध्यालय के अध्यक्ष सुनील शर्मा, शिक्षाविद ए आर अगवान, सेंट जोसफ ग्रुप ऑफ कॉलेज टोंक श्री गोवर्धन हिरोनी, निर्वाण यूनिवर्सिटी के वाइस चान्सेलर श्री अरविंद अग्रवाल जी ने संबोधित किया. जिसमे प्रमुख रूप से ये बिन्दु सामने आए. जो समाज अपनी आय का ज़कात  एवं सदकात का 90 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर खर्च करता है वो समाज शिक्षा एवं स्वास्थ्य मे इतना पिछड़ा हुआ क्यो है ये एक गंभीर मुद्दा है.

अधिवेशन के दूसरे एवं तीसरे सत्र मे “नई शिक्षा नीति 2020 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सामाजिक सक्रियता”  तथा “महिला सशक्तिकरण व शिक्षा के लिए समाज की भूमिका” जैसे विषयों पर वक्ताओ ने अपने विचार व्यक्त किए. इस सत्र में मोहम्मद निजामुद्दीन, अब्दुल रशीद agwan, शरफुद्दीन बैग, नायाब अंसारी, डॉ इदरीस कुरेशी, आरएनटी ग्रुप उदयपुर के संचालक वसीम अहमद, रूबी खान, डॉ फरीदा बैग आदि द्वारा अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए गए

इस अवसर पर रात्रि 09 बजे एक भव्य कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का भी आयोजन किया गया जिसमे देशभर के जाने-माने कवियों एवं शायरो ने भाग लिया मुख्य रूप से श्री इलियास सैफी की  निजामत मे आयोजित मुशायरे में वरिष्ठ कवि जनाब नासीर अजीज, जनाब खालील रहमान, प्रोफेसर अखलाक आहान, जनाब रजा शैदाई, डॉ मोहम्मद हुसैन मुरादाबादी, आकिफ फिरोजाबादी द्वारा अपना कलाम प्रस्तुत किया गया.

4 सितंबर को दूसरे दिन चौथे सत्र में अवकाफ एवं अल्पसंख्यक शिक्षा के विकास के लिए साधन संसाधन के अंतर्गत पुणे से आए रिटायर्ड आईआरएस अकरम जब्बार, एनसीईआरटी दिल्ली से एचओडी अनीता नूना, लखनऊ वेलफेयर फोरम के जावेद अहमद खान, दिल्ली से जावेद आलम, ए.आई.ई.एम के कोषाध्यक्ष असलम अहमद, पांचवें सत्र में मदरसा शिक्षा एवं समकालीन शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत राजस्थान मदरसा बोर्ड के सचिव आर.ए.एस मुकर्रम अली शाह, ए.एम.यू छात्र संघ के पूर्व सचिव अबरार अहमद चीकू, इंग्लिश माहनामा मईशत मुंबई के प्रमुख संपादक दानिश रियाज, ऑल इंडिया दीनी मदारिस के अध्यक्ष मौलाना याकूब बुलंदशहरी, सलाम एजुकेशन सोसाइटी बीदर के अध्यक्ष सफी अनवरी, MES राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर आजम बेग एवं शाहीन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशंस बीदर, कर्नाटक के अध्यक्ष डॉ अब्दुल कदीर, मुंबई के प्रोफेसर इजहार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए.

कार्यशाला के अंत मे भाग ले रहे सभी श्रोतागणो के लिए भी एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया. साथ ही अधिवेशन मे लिए गए प्रस्तावो का अनुमोदन किया गया.

कॉन्फ्रेंस के आखरी सेशन में मालदीप से किसी वजह से कांफ्रेंस में शरीक नहीं हो सकी श्रीमती हलीमा जी, नालसर लॉ यूनिवर्सिटी हैदराबाद के पूर्व उपकुलपति डॉ. फैजान मुस्तफा, जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर जफर महमूद, मेवाड़ यूनिवर्सिटी के कुलपति अशोक कुमार गदिया, ने भी कांफ्रेंस में मौजूद श्रोताओं को ऑनलाइन संबोधित किया.

ए.आई.ई.एम के राष्ट्रीय अध्यक्ष ख्वाजा शाहिद द्वारा कॉन्फ्रेंस में देश भर से आए शिक्षा प्रेमियों का आभार जताते हुए उनको धन्यवाद भी दिया, सचिव मुजफ्फर अली ने सभी श्रोताओं का आभार जताया साथ ही कॉन्फ्रेंस के मेजबान मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी राजस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर आजम बेग और उनकी पूरी टीम की सराहना करते हुए उन्हें इस सफल आयोजन पर बहुत बधाइयां देकर अपनी दुआओं से नवाजा.

अंत में कॉन्फ्रेंस में आए सभी श्रोताओं का संयोजक डॉक्टर आजम बैग द्वार आभार जताते हुए इस मुहिम को आगे जारी रखने और कॉन्फ्रेंस में पारित किए गए प्रस्ताव को संबंधित विभागों में पहुंचाने की बात कहते हुए कॉन्फ्रेंस के समापन की घोषणा की.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments