बिहार में शराबबंदी के दौरान दर्जनों लोगों की जहरीली शराब से मौत के बाद सियासत गरमा गई है. सारण में जहरीली शराब पीने के कारण मंगलवार की रात से शुरू हुआ मौतों का सिलसिला अभी भी जारी है. जिले के मशरक, इसुआपुर, मढ़ौरा व अमनौर प्रखंडों में अब तक 55 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि, 18 लोगों का इलाज छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में चल रहा है. इनमे से कइयों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. हालांकि, डीएम ने गुरुवार की दोपहर तक 26 लोगों की मौत और 12 के इलाजरत होने की पुष्टि की थी.
इस बीच पुलिस ने अवैध तरीके से शराब का धंधा करने वाले 126 लोगों को गिरफ्तार किया है. गुरुवार को हर दो-चार घंटे के बाद मृतकों की संख्या बढ़ने की खबरें सामने आ रही थीं. इसके कारण जिला और पुलिस प्रशासन पूरे दिन परेशान दिखा. लोगों में भी प्रशासन की कार्यशैली को लेकर भारी नाराजगी थी. अमनौर में जहां मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने सड़क पर शव रख कर आगजनी की. वहीं मशरक में थाने का घेराव किया.
उधर सरकारी निर्देश के आलोक में उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त कृष्णा पासवान और उप सचिव निरंजन कुमार ने मशरक थाने में शराब के धंधेबाजों के खिलाफ हुई कार्रवाई की जांच की.
इस बीच सूबे की सियासत गर्म हो गई है. सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं. बीजेपी नीतीश कुमार की सरकार पर आक्रामक है और जदयू – राजद के नेता बीजेपी पर हमला करते देखे जा रहे हैं. विधान सभा में भी इस खबर को लेकर जबरदस्त बवाल मचा हुआ है.
गुरुवार को सदर अस्पताल में दिनभर अफरा तफरी रही. मंगलवार की रात से ही मरीजों का आना जारी था. कई की सांसे उखड़ रहीं थीं. कुछ की आंखों की रोशनी जा चुकी थी और जी मचला रहा था, तो कोई बेचैनी में चिल्ला रहा था. अस्पताल में तैनात 14 डॉक्टर और 20 स्वास्थ्य कर्मी लगातार 48 घंटे से स्थिति को काबू करने में जुटे थे. जिस हालात में मरीज यहां पहुंच रहे थे, उनमें से ज्यादातर का बच पाना मुश्किल लग रहा था. अधिकतर मरीजों की हालत नाजुक बनी हुई थी. लगभग सभी के लक्षण एक जैसे थे. जिनकी मौत हुईं, उनमें से लगभग सभी बेचैनी, उल्टी, पेट दर्द, सांस लेने में परेशानी, आंखों से धुंधला दिखायी देने आदि की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे थे.