Thursday, November 21, 2024
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खड़गे का सरकार पर हमला : कहा, ये सबका साथ नहीं, सबके साथ विश्वासघात है 

कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार दलितों, पिछड़ों और आदिवासियो के हितों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करती रहती है, लेकिन सवाल यह है कि क्या मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को उनके अधिकार मिले हैं ? इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घरते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी से अहम सवाल पूछे हैं.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा, “नरेंद्र मोदी जी, पिछले 8 सालों में आपकी सरकार ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासी वर्गों को केंद्र में उनके आरक्षित पदों पर अब तक जगह क्यों नहीं दी ? क्यों लाखों पद खाली पड़े हैं ? ये ‘सबका साथ’ नहीं ‘सबसे विश्वासघात’ है.”

इस ट्वीट के साथ खड़गे ने एक ग्राफिक्स भी शेयर किया किया है. इस ग्रफिक्स में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों से जुड़े उन खाली पड़े पदों का ब्योरा है, जिसे मोदी सरकार ने अपने 8 साल के कार्यकाल में अब तक नहीं भरा है.

आकंड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार के विभागों में ग्रुप ए में दलित समाज के 48.5 फीसदी पद खाली पड़े हैं. ग्रुप बी में 60 फीसदी पद खाली पड़े हैं, जबकि ग्रुप सी में 45.8 फीसदी पद खाली पड़े हैं. आकंड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार के विभागों में ग्रुप ए में आदिवासी समाज के 52.2 फीसदी पद खाली पड़े हैं. ग्रुप बी में 60.7 फीसदी पद खाली पड़े हैं, और ग्रुप सी में 53.3 फीसदी पद खाली पड़े हैं.

अगर बात पिछड़े वर्गों की करें तो आकंड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार के विभागों में ग्रुप ए में पिछड़े वर्गों के 60.9 फीसदी पद खाली पड़े हैं. ग्रुप बी में 74.8 फीसदी पद खाली पड़े हैं, जबकि ग्रुप सी में 60.3 फीसदी पद खाली पड़े हैं.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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