Home देश क्या शाहीन बाग में अब बुलडोजर चालने की तैयारी चल रही है ?

क्या शाहीन बाग में अब बुलडोजर चालने की तैयारी चल रही है ?

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क्या शाहीन बाग में अब बुलडोजर चालने की तैयारी चल रही है ?

अंज़रूल बारी

जिस तरह की लक्ष्य आधारित राजनीति देश में चल रही है उससे तो लगने लगता है कि जहांगीरपुरी के बाद अब शाहीन बाग़ में भी बुलडोजर चलाने की तैयारी हो रही है. दिल्ली के मेयर मुकेश सूर्यांक कल ओखला, विष्णु गार्डन, सरिता विहार, जैतपुर, मदनपुर खादर इलाके में अतिक्रमण का सर्वे करने पहुंचे और उन्होंने जो भी कहा उससे तो लगने लगा है कि शाहीन बाग़ निशाना है. बता दें की तीन वार्ड में एमसीडी जांच अभियान चला रही है. यहां जल्द ही कार्रवाई होने की आशंका है.
मेयर मुकेश सूर्यंक ने कहा कि हमने एक्शन प्लान तैयार किया गया है, और आने वाले समय में हम जमीन को अवैध निर्माण से खाली करा लेंगे. एक हफ्ते पहले एमसीडी ने जहांगीरपुरी में बुलडोजर से अवैध निर्माणों को हटाया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद से जहांगीरपुरी में एमसीडी की कार्रवाई बंद है. याद रहे कि जहांगीरपुरी में बुलडोजर ने कई अवैध मकानों को तोड़ दिया. इस बीच बुलडोजर के ड्राइवर ने बताया कि सड़कों पर बनी झुग्गियों और दुकानों को हटाया जाना है.
दिल्ली के मेयर ने कहा था कि यमुना पर कब्जा, दरगाह-मस्जिद निर्माण और बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की अवैध बसावट की जांच करने आए हैं. जिन लोगों के पास कोर्ट के दस्तावेज हैं, उन पर कोर्ट के जरिए कार्रवाई होगी. बाकियों पर आज से कार्रवाई हो सकती है, यानी अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चल सकता है.
जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान पत्थरबाजी और हिंसा हुई थी. हिंसा के बाद एमसीडी और प्रशासन सख्त हो गया. 20 अप्रैल को प्रशासन ने अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया. नगर निकाय ने अभियान के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस से 400 कर्मियों को तैनात किया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उसी दिन सुनवाई करके कार्रवाई को रोक दिया. अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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