Friday, April 19, 2024
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योगी सरकार में सड़क पर नहीं पढ़ी जा सकेगी अलविदा और ईद की नमाज

अंज़रूल बारी

यूपी के एटा प्रशासन ने अलविदा जुमा से पहले अमन कमेटी की बैठक बुला कर साफ कर दिया है कि अलविदा और ईद की नमाज को सड़क पर पढ़ने की इजाजत हरगिज नहीं दी जाएगी.

सीओ सिटी के कार्यालय में अमन कमेटी की हुई बैठक में सर्किल अधिकारी कालू सिंह ने सभी को खबरदार करते हुए कहा कि अलविदा और ईद की नमाज सड़क पर हरगिज नहीं पढ़ी जा सकती है. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा लाउडस्पीकर के संदर्भ में जारी किए गए निर्देशों पर सख्ती से ना सिर्फ पालन हो बल्कि उसे सुनिश्चित भी किया जाए. जिन मस्जिदों, मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बिना आज्ञा के लगे हैं, उन्हें फौरन इजाजत लेने के भी निर्देश दे दिए गए हैं.

सीओ सर्किल कालू सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर निर्धारित मानक के अनुरूप आवाज़ को किया जाए, तय मानक से ज्यादा ध्वनि पर लाउडस्पीकर को उतार दिया जाएगा. मानकों के उल्लंघन पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बड़ी संखिया में लाउडस्पीकर उतरवा लिए हैं और जो बचे हैं उन्हें भी नोटिस भेज दिया गया है, वो इजाजत लें और तय मानक के तहत आवाज रख कर बजाएं वरना उन्हें भी जल्द ही उतरवा लिया जाएगा.

सीओ सर्किल ने कहा कि ये निर्देश पब्लिक स्थानों पर पूजापाठ से जुड़ा है और सभी धर्मों के लिए है. आवाजाही किसी तरह से प्रभावित न हो, इस तरह के निर्देश भी दे दिए गए हैं, चाहे वो अलविदा और ईद की नमाज हो या अन्य किसी भी धर्म की पूजापाठ या कोई प्रोग्राम.

बता दें कि हाल ही में सीएम योगी ने पुलिस अधिकारियों के साथ अहम बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने दो टूक कहा था कि धार्मिक आजादी सबको है, लेकिन माइक की आवाज परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए. योगी ने कहा, ‘धार्मिक विचारधारा के अनुसार सभी को अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है. लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि आवाज परिसर से बाहर न आए. अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए.’ इसके अलावा योगी ने ये भी कहा कि नए स्थलों पर माइक लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

सीएम योगी के सख्त निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया था कि हमने लगभग 125 लाउडस्पीकरों को हटा दिया है और कुछ लोगों ने स्वेच्छा से लगभग 17,000 पीए सिस्टम की मात्रा कम कर दी है. एडीजी ने साथ ही बताया कि ‘अलविदा नमाज और ईद की नमाज के लिए संवेदनशील जिलों में विशेष इंतजाम किए गए हैं.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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