क्या बीजेपी के अगले अध्यक्ष धर्मेंद्र प्रधान होंगे ? बीजेपी के भीतर अब इस बात की चर्चा होने लगी है कि मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के बाद पार्टी की बागडोर किसके हाथ जा सकती है. हालांकि नड्डा का कार्यकाल अबतक का सबसे बढ़िया काल बीजेपी के लिए माना जा रहा है. नड्डा की अध्यक्षता में पार्टी की काफी प्रगति हुई है और कई उन राज्यों में भी बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही है, जहाँ चुनाव में उसे हार खानी पड़ी थी. दूसरी बात नड्डा, पीएम मोदी और शाह की जोड़ी को भी पार्टी बेहतर मान रही है क्योंकि तीनो में बेहतरीन तालमेल है. नड्डा का कार्यकाल अगले साल ख़त्म होने को है. ऐसे में पार्टी के भीतर अब अगले अध्यक्ष के नामो को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.
हालांकि कई लोग यह ही मान रहे हैं कि जगत प्रकाश नड्डा 2024 लोकसभा चुनाव तक दल की कमान संभाल सकते हैं. हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. जनवरी 2023 में उनका मौजूदा कार्यकाल खत्म हो रहा है. अब खबर है कि पार्टी उन्हें एक साल का विस्तार दे सकती है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि उनके बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान यह पद संभाल सकते हैं.
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि नड्डा 2024 तक पार्टी प्रमुख बने रह सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि इस बात की संभावनाएं इसलिए हैं, क्योंकि नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रिश्ते अच्छे हैं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी उनके काम का हिसाब अच्छा है. फिलहाल, यह भी साफ नहीं है कि उन्हें पूरे कार्यकाल के लिए दोबारा अध्यक्ष बनाया जाएगा या नहीं.
सूत्रों के अनुसार, सूत्रों ने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सामने नड्डा की अच्छी छवि और संबंध हैं. 2024 लोकसभा चुनाव बहुत अहम हैं और हमे लगता है कि तीनों के बीच की समझ को कम से कम 2024 तक डिस्टर्ब नहीं करना चाहिए. उन्हें नया कार्यकाल भी मिल सकता है, लेकिन हमें भरोसा है कि उन्हें विस्तार मिलेगा.’
खबर के अनुसार, पार्टी में फिलहाल प्रधान के नाम की चर्चा है. अब जब भूपेंद्र यादव को केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल कर लिया गया है, तो पार्टी में शामिल कई लोग प्रधान को नए बीजेपी प्रमुख के तौर पर देख रहे हैं. नड्डा से पहले अमित शाह 2014 से लेकर 2019 तक पार्टी प्रमुख रह चुके थे. वहीं, 2020 में फुल टाइम पद संभालने से पहले नड्डा कार्यकारी अध्यक्ष रहे थे.
बता दें कि साल 2012 में हुए संशोधन के बाद बीजेपी में सभी पात्र सदस्य लगातार दो बार अध्यक्ष पद संभाल सकते हैं. इससे पहले पार्टी प्रमुख एक ही कार्यकाल के लिए बनाए जाते थे. कहा जाता है कि तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को दोबारा कमान सौंपने के लिए संशोधन किए गए थे.