Friday, November 22, 2024
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कांग्रेस और – प्रशांत किशोर के बीच चल रहे चैप्टर का अंत, अब पार्टी में शामिल नहीं होंगे पीके

अखिलेश अखिल

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब कांग्रेस ने शामिल नहीं होंगे. अब पीके का चैप्टर क्लोज हो गया है. उन्होंने कांग्रेस के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को जितनी मेरी जरूरत है, उससे ज्यादा नेतृत्व की जरूरत है. पीके ने कहा है कि कांग्रेस को सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है. परिवर्तनकारी सुधारों की जरूरत है. उन्होंने ईएजी यानी एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024 और चुनावों की जिम्मेदारी लेने से इंकार करते हुए कहा कि कांग्रेस में संरचनात्मक सुधार जरूरी है. मंगलवार को प्रशांत किशोर ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है.
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के ट्वीट के बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया – मैंने कांग्रेस पार्टी के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. जिसमें मुझसे पार्टी में शामिल होने के लिए कहा गया था. साथ ही ईएजी का हिस्सा बनने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने से भी मैंने इंकार कर दिया है. मेरी राय में पार्टी को मुझसे ज्यादा मजबूत नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति और परिवर्तनकारी सुधारों की जरूरत है.
इससे पहले रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया- प्रशांत किशोर के साथ बातचीत करने और उनका प्रेजेंटेशन देखने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024 का गठन किया और उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया. साथ ही उन्हें इम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024 से भी जुड़ने का प्रस्ताव दिया. लेकिन प्रशांत किशोर ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया. कांग्रेस को सलाह देने के लिए पार्टी ने प्रशांत किशोर का धन्यवाद किया.
बता दें कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के सीनियर लीडर्स के साथ प्रशांत किशोर की तीन बैठकें हुईं. इस दौरान उन्होंने कई प्रेजेंटेशन दिये. पार्टी को उनका प्रेजेंटेशन पसंद आया. इसलिए उनसे कहा गया कि वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो जायें. लेकिन, पार्टी में शामिल होने की शर्तें प्रशांत किशोर को नागवार गुजरी और इसलिए उन्होंने पार्टी में शामिल होने से इंकार कर दिया. सूत्रों ने बताया है कि कांग्रेस ने प्रशांत किशोर से कहा कि पार्टी की गाइडलाइन के अनुसार ही उन्हें काम करना होगा.
दरअसल कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने एक टीवी चैनल से कहा कि उनके प्रेजेंटेशन को देखने के बाद ही पार्टी ने कमेटी बनायी थी. कमेटी ने कहा कि प्रशांत किशोर पार्टी में शामिल हों और पार्टी की संरचना के अनुरूप ही काम करें. कांग्रेस उन्हें संविदा पर नहीं रखना चाहती. प्रशांत किशोर का पार्टी पूर्णकालिक सेवा लेना चाहती है. लेकिन प्रशांत किशोर इसके लिए तैयार नहीं हुए.
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रशांत किशोर 2024 के चुनाव की रणनीति बनाने में कांग्रेस की मदद करेंगे या उनके साथ अब किसी तरह की बातचीत आगे हीं होगी, इस पर इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि ऐसा नहीं है. पार्टी उनके विश्वास में आयी. पीके को जरूरत से ज्यादा सम्मान कांग्रेस पार्टी ने दिया. कांग्रेस पार्टी चाहती थी कि वह पार्टी का हिस्सा बनें, लेकिन प्रशांत किशोर इसके लिए तैयार नहीं थे.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके के तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) प्रमुख के चंद्रशेखर राव के साथ पिछले दिनों मुलाकात हुई थी. तेलंगाना कांग्रेस को यह बात बेहद नागवार गुजरी. तेलंगाना कांग्रेस ने केसीआर के साथ प्रशांत किशोर की मुलाकात पर आपत्ति जतायी थी. लेकिन सबसे बड़ी बात तो यही है कि प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच आखिर किस बात पर मामला बिगड़ गया, अभी तक किसी को पता नहीं है. प्रशांत और कांग्रेस के तरफ से जो बयान आ रहे हैं वह राजनीतिक बातें है. अभी तक यह भी साफ़ नहीं हुआ है कि भले ही प्रशांत पार्टी में शामिल नहीं होंगे लेकिन क्या कांग्रेस के लिए वो रणनीति बनाएंगे ? इसका खुलासा नहीं हुआ है. वैसे कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं के साथ प्रशांत की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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