अखिलेश अखिल
जब कोतवाल ही चोरी और डाका डालने में जुट जाए तो फरयादी किसके पास जाए ? जब सत्ता और सरकार के लोग ही महिलाओं का चीर हरण करने लगे तो महिलाओं की आबरू को कौन बचाए ? और जब बड़े नौकरशाह ही सेक्स रैकेट को संचालित करे तो महिलाओं को न्याय कैसे मिले ? ये सारे सवाल इन दिनों सुदूर अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पूछे जा रहे रहे हैं. जो रिपोर्ट सामने आ रही है. उसके मुताबिक यहां के पूर्व मुख्य सचिव और श्रम आयुक्त यौन शौषण का कारोबार कर रहे थे. खुद भी उसका आनंद ले रहे थे और औरों को भी इस खेल में शामिल किए हुए थे.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण और श्रम आयुक्त आर एल ऋषि के खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच कर रही एसआईटी को सेक्स रेकैट के सबूत मिले हैं. बता दें कि जितेंद्र नारायण पर 21 वर्षीय एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था.
मामले की जांच कर रही एसआईटी को पता चला है कि पूर्व मुख्य सचिव के घर 20 से अधिक महिलाओं को उनके घर ले जाया गया था. अंडमान और निकोबार पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) के हवाले से बताया गया है कि मुख्य गवाहों के जो बयान दर्ज किए गए, उससे सेक्स रैकेट चलाए जाने का अंदेशा है.
बता दें कि आरोपों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में जितेंद्र नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. जितेंद्र नारायण 1990 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक मामले की जांच में सामने आया है कि इसमें 20 से अधिक महिलाओं को कथित तौर पर पोर्ट ब्लेयर में उनके एक साल के कार्यकाल के दौरान पूर्व मुख्य सचिव के आवास पर ले जाया गया था. उस दौरान उनमें से कुछ को यौन शोषण के बदले में नौकरी मिल गई थी. बता दें कि इस मामले में नारायण 28 अक्टूबर को एसआईटी के समक्ष पेश हो सकते हैं. दरअसल कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा एसआईटी के सामने पेश होने के लिए अंतिम तिथि निर्धारित की गई है.
बता दें कि द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि मुख्य सचिव के घर में स्थापित क्लोज सर्किट (सीसीटीवी) कैमरा सिस्टम के डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) की पहले हार्ड डिस्क को डिलीट कर गया और बाद में उनके पोर्ट से दिल्ली ट्रांसफर के समय डीवीआर को भी हटा दिया गया था.
वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए जितेंद्र नारायण ने गृह मंत्रालय और अंडमान निकोबार प्रशासन को एक पत्र लिखकर कहा है कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है. उन्होंने एफआईआर में दी गई दो तारीखों में से एक पर पोर्ट ब्लेयर में अपनी उपस्थिति को नकारते हुए कोर्ट में चुनौती दी है.