एमसीडी के सभी 250 वार्ड के लिए सुबह आठ बजे शुरू हुआ मतदान शांतिपूर्ण तरीके से खत्म हो गया. शाम साढ़े पांच बजे तक दिल्ली के सभी 250 वार्डों में करीब 50 फीसदी मतदान हुआ. कई मतदान केंद्रों पर 5:30 बजे से पहले पहुंचे मतदाताओं का मतदान पूरा होने तक जारी रहा. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी दल्लूपुरा स्थित एक मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए पहुंचे थे, लेकिन वोटर लिस्ट में नाम न होने से वो मतदान नहीं कर सके. इस बीच राज्य चुनाव आयोग ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी को मतदाता सूची से उनका नाम हटाने के संबंध में पत्र लिखा है.
यह चुनाव बीजेपी, ‘आप’ और कांग्रेस के बीच मुकाबला वाला बना हुआ है. बीजेपी करीब दो दशक से एमसीडी पर काबिज रही है. लेकिन इस बार बीजेपी को कड़ी चुनती ‘आप’ और कांग्रेस दे रही है. बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं. इसके अलावा कई और दलों के उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस चुनाव में दिल्ली के करीब एक करोड़ पैंतालीस लाख मतदाता रहे हैं. अब मतगणना सात दिसंबर को होगी. बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में मतदाताओं की कुल संख्या 1,45,05,358 है, जिसमें 78,93,418 पुरुष, 66,10,879 महिलाएं और 1,061 ट्रांसजेंडर है.
परिसीसन की कवायद और उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों को मिलाकर एकीकृत नगर निगम बनाने के बाद यह पहला चुनाव है. एकीकृत नगर निगम 22 मई से अस्तित्व में आया है. रविवार को होने वाला मतदान गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान से तीन दिन बाद और दूसरे चरण के मतदान से एक दिन पहले हो रहा है.
नगर निगम को 1958 में स्थापित किया गया था. 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान इसे तीन हिस्सों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में बांट दिया गया था. हालांकि, इस साल फिर से तीनों को एकीकृत कर दिया गया था. राज्य चुनाव आयुक्त विजय देव द्वारा चार नवंबर को एमसीडी चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही दिल्ली में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई थी.
‘आप’ और बीजेपी दोनों ने विश्वास जताया है कि वो चुनावों में विजयी होंगे, जबकि कांग्रेस खोया हुआ अपना जनाधार हासिल करने की कोशिश कर रही है. बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने कहा, पीएम मोदी जी के प्रभाव पर वोट मिलेंगे. मंगल ग्रह पर भी उनके पोस्टर लगे हैं. चुनाव से पहले दिल्ली में ‘आप’ और बीजेपी के बड़े नेताओं ने प्रचार किया और गलियों में घूम कर अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए वोट मांगा.