Thursday, November 21, 2024
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*अरब शिखर सम्मेलन: गाजा पट्टी में इज़राइल की क्रूर आक्रामकता को तत्काल समाप्त करने की मांग*

बहरीन में आयोजित 33वें अरब शिखर सम्मेलन में इज़राइल से मांग की गई कि वह गाजा पट्टी में जारी बर्बर आक्रमण को तुरंत रोके और गाजा पट्टी से अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी के बाद फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय शांति सेना तैनात करे.

 

अरब शिखर सम्मेलन की शुरुआत में मेजबान देश बहरीन के किंग हमद बिन ईसा अल खलीफा ने मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आह्वान किया.

 

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से कहा कि गाजा पट्टी में जारी इज़राइली आक्रामकता किसी भी तरह से अस्वीकार्य है.

 

सम्मेलन के अंत में जारी घोषणा में गाजा पट्टी में जारी इज़राइली आक्रामकता को रोकने और घेराबंदी ख़त्म करने की मांग की गई और कहा गया कि फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों से इज़राइली सेना को पूरी तरह से वापस बुलाया जाए और एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना बनाई जाए तैनात किया जाना चाहिए.

 

घोषणापत्र में इज़राइली बलों द्वारा राफा क्रॉसिंग के फिलिस्तीनी हिस्से पर कब्जे की निंदा की गई और फिलिस्तीनियों के जबरन निष्कासन को दृढ़ता से खारिज कर दिया गया.

 

बहरीन सम्मेलन में भाग लेने वालों ने इज़राइल से राफ़ा सीमा खाली करने का आह्वान किया ताकि गाजा पट्टी के पीड़ितों को मानवीय सहायता प्रदान की जा सके.

 

शिखर सम्मेलन में सूडानी सेना और रैपिड फोर्सेज के बीच मतभेदों को खत्म करने और शांति स्थापित करने के महत्व पर भी बातचीत की गई, और मांग की गई कि वो जेद्दा में वार्ता का पालन करें. शिखर सम्मेलन में सीरियाई संघर्ष को हल करने के महत्व पर भी जोर दिया गया.

 

बहरीन शिखर सम्मेलन की घोषणा में यमनी राष्ट्रपति परिषद के समर्थन पर जोर दिया गया, और लाल सागर में जहाजों पर हमलों की भी कड़ी निंदा की गई.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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