अंज़रुल बारी
इज़रायल के नेगियो इलाके में अमेरिका, यूएई, बहरेन, मोरक्को और मिस्र के विदेश मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें क्षेत्रीय मुद्दों समेत कई अन्य पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी बिलिंकन ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘कुछ समय पहले तक इस तरह की बैठक सोची भी नहीं जा सकती थी. बिलींकन ने 2020 के समझौते के बाद शिक्षा, और स्वस्थ पर सहयोग समेत आर्थिक और कूटनीतिक सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका हर ऐसे कदम का भरपूर समर्थन और सहयोग करता है और करेगा जो इस क्षेत्र और इसके बाहर के हालात को बदल रहा हो.’
ये बैठक इज़रायल द्वारा साल 2020 में यूएई, बहरेन और मोरक्को के साथ आपसी संबंध बेहतर होने के बाद पहली बार आयोजित की गई थी. बैठक में इज़राइली विदेश मंत्री याएर लिपिड ने कहा कि ‘इस बैठक ने एक फोरम की शक्ल ले ली है, जो आगे भी होती रहेगी. उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल नेताओं ने एक इतिहास रचा है, ये स्ट्रक्चर और आज जो हम संयुक्त कोशिशें कर रहे हैं, हमारे संयुक्त दुश्मनों को, जिनमें विशेष कर ईरान और उसके प्रॉक्सी शामिल हैं इससे उनमें भय पैदा होगा और उन्हें हर तरह के गंभीर कदम उठाने से भी रोकेगा.’
बहरेन के विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ बिन राशिद अल ज़यानी ने कहा कि ‘हमें आपसी सम्मान को बढ़ाने, अपनी संयुक्त सुरक्षा, उसे और बेहतर बनाने के साथ ही पूरे क्षेत्र को ये संदेश भी देने की ज़रूरत है कि हम मिल जुल कर काम करें तो बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं.’
यूएई के विदेश मंत्री शैख अब्दुल्लाह बिन ज़ैद अल नहयान ने इज़रायल के साथ मिस्र के 1989 के अमन समझौते का का ज़िक्र करते हुए कहा की हमने उस समझौते और 2020 के बीच का समय बर्बाद किया है. उन्होंने कहा कि अब सोच बदलने और आपसी संबंधों को मजबूत कर नए भविष्य की ओर बढ़ने का समय आ गया है.
बैठक में शामिल विदेश मंत्रियों ने अपनी इस ऐतिहासिक बैठक में कई अहम मुद्दों पर बातचीत की, जिनमें ईरान के न्यूक्लियर समझौते को दोबारा से जुड़ी कोशिशों और रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेनियों की मदद के लिए अमेरिकी दबाव शामिल है.