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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रामपुर उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग का यू टर्न, अधिसूचना पर लगाई रोक

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रामपुर उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग का यू टर्न, अधिसूचना पर लगाई रोक

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने चुनाव आयोग को 11 नवंबर या उसके बाद रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के कार्यक्रम की घोषणा को एक दिन रोक कर रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अदालत ने योगी सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार को होगी. दरअसल, हेट स्पीच मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधायकी रद्द हुई थी. कोर्ट ने ये फैसला आजम खान की सजा पर रोक लगाने की अर्जी के पर सुनाया है.

इस मामले में आजम खान की तरफ से उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा था कि दोषी करार देने के बाद आनन-फानन में उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. इस मामले में सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुई अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने दलील दी कि यह कोर्ट का फैसला है. इस पर कोर्ट ने कहा कि कुछ तार्किंक अवसर मिलना चाहिए था, ताकि वो कोर्ट में जाकर अपील कर सकें. वह दोषी हैं, लेकिन दूसरे दिन रामपुर विधानसभा सीट रिक्त घोषित हो गई. ऐसा बीजेपी सदस्यों के साथ भी होना चाहिए. इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई बुधवार को तय कर दी थी.

रामपुर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट का 27 अक्टूबर को आदेश आया, जिसके अगले दिन रामपुर सीट को खाली घोषित कर दिया गया था. अदालत ने चुनाव आयोग से कहा है कि वो 1 दिन के लिए अपनी अधिसूचना को रोक कर रखे. अगर आजम को राहत मिलती है तो ठीक है, नहीं तो आयोग 11 नवंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है.”

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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