प्रधानमंत्रत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को फोन पर वैगनार सैनिकों द्वारा विद्रोह और रूस-यूक्रेन युद्ध पर बातचीत हुई.
रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने एक बयान जारी कर बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने इसके अलावा द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने पर बात की है. दोनों नेताओं ने रूस और भारत के बीच विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख संयुक्त परियोजनाओं के निरंतर कार्यान्वयन के महत्व पर ध्यान दिया. साथ ही शंघाई सहयोग संगठन और G-20 में सहयोग को लेकर भी मोदी और पुतिन के बीच चर्चा हुई.
पुतिन ने इससे पहले गुरुवार को पीएम मोदी को मॉस्को का ‘शानदार मित्र’ बताया था. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभावशाली असर पड़ा है.
पुतिन ने कहा कि औद्योगिक और उत्पाद डिजाइन को घरेलू व्यापार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनाया जाना चाहिए. उन्होंने रूस की एजेंसी फॉर स्ट्रैटेजिक इनीशिएटिव्स (एएसआई) की ओर से मॉस्को में आयोजित सम्मेलन में कहा, “जो चीज अच्छा काम कर रही है, उसका अनुकरण करने में कोई बुराई नहीं है, भले ही उसकी शुरुआत हमने नहीं, बल्कि हमारे दोस्तों ने की हो.”
येवगेनी प्रीगोझिन के नेतृत्व वाले प्राइवेट सैन्य बल वैनगर समूह ने पिछले शनिवार को विद्रोह कर दिया था. हालांकि जब इनके लोग मॉस्को से सिर्फ 400 किलोमीटर दूर थे, तब प्रीगोझिन ने अपने लड़ाकों को वापस बुलाने का फैसला किया था. प्रीगोझिन ने अचानक क्रेमलिन के साथ समझौते के बाद पीछे हटने की घोषणा की थी.